गायब हो गईं 1775 नर्सें, काउंसिल को भनक नहीं, कैग रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा  

CAG report has revealed that 1775 nurses are missing from Uttarakhand
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CAG Report:उत्तराखंड नर्सिंग काउंसिल में पंजीकृत 1775 नर्सें गायब हो गई हैं। नर्सें कहां गायब हुईं, इसकी जानकारी  नर्सिंग काउंसिल को भी नहीं है। कैग की एक रिपोर्ट कुछ दिन पहले ही विस पटल पर रखी गई थी। उस रिपोर्ट में उत्तराखंड नर्सिंग काउंसिल के कामकाज पर तमाम सवाल खड़े किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2006 से 2015 के बीच काउंसिल में कुल 8685 नर्सिंग अधिकारियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। उनमें से 6910 नर्सिंग अधिकारियों ने 2015 से 2021 के बीच अपना पंजीकरण रिन्यू कराया। लेकिन 1775 नर्सिंग अधिकारी कहां गए काउंसिल को इसकी जानकारी नहीं थी। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिन नर्सों ने पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं कराया, उनमें से कितनों की मृत्यु हुई, कितनों ने प्रैक्टिस छोड़ दी या फिर वह बिना पंजीकरण के ही काम कर रही हैं इसकी काउंसिल को जानकारी नहीं थी। सीएजी ने रिपोर्ट में उत्तराखंड नर्सिंग काउंसिल को निष्क्रिय बताते हुए तमाम सवाल खड़े हुए हैं।

काउंसिल ने नहीं लगाया प्रतिबंध

उत्तराखंड में जिन नर्सिंग अधिकारियों ने अपना पंजीकरण रिन्यू नहीं कराया वह एक तरह से अपंजीकृत हो गए थे। बावजूद इसके काउंसिल ने उन पर कोई प्रतिबंध भी नहीं लगाया। इस पर कैग ने गंभीर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में इस बात पर भी आपत्ति जताई गई है कि ऐसी नर्सों का भी कोई डेटा नहीं रखा गया था जिन्होंने अपना पंजीकरण रिन्यू नहीं कराया था।इसके अलावा काउंसिल के नियमों के तहत पंजीकरण नवीनीकरण का नियम है। जिन नर्सिंग अधिकारियों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया उन्हें काउंसिल की ओर से कभी पत्र भी नहीं भेजा गया।

कैग के रेखांकित बिंदुओं पर होगा सुधार

उत्तराखंड नर्सिंग काउंलिंग रजिस्ट्रार मनीषा ध्यानी के मुताबिक कैग की रिपोर्ट में जिन बिंदुओं को रेखांकित किया गया है उन सभी में सुधार के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। कहा कि यह रिपोर्ट मेरे कार्यकाल से काफी पहले की है, लेकिन काउंसिल की सभी कमियों को ठीक किया जा रहा है। बताया कि तय समय के बाद भी पंजीकरण रिन्यू न करने वालों के पंजीकरण भी रद्द करने की चेतावनी जारी की जा रही है।


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