हाइब्रिड कार खरीदने पर टैक्स में मिलेगी पूरी छूट, लाखों रुपये का फायदा
tax free hybrid cars: उत्तराखंड में हाइब्रिड वाहनों को टैक्स छूट के दायरे में लाने की तैयारी चल रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की तर्ज पर हाइब्रिड वाहनों को रजिस्ट्रेशन शुल्क में शतप्रतिशत छूट देने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे राज्य में प्रदूषण पर नियंत्रण लगेगा। साथ ही कार खरीदने वाले लोगों की भारी बचत भी होगी।

उत्तराखंड सरकार हाइब्रिड वाहनों को टैक्स छूट के दायरे में लाने ज रही है। राज्य में ये व्यवस्था जल्द ही शुरू होने वाली है। परिवहन मुख्यालय ने बैटरी और डीजल-पेट्रोल के संयुक्त सिस्टम से लैस वाहनों को रजिस्ट्रेशन टैक्स से मुक्त करने की सिफारिश करते हुए शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। हाइब्रिड वाहनों के जरिए राज्य में ईंधन की खपत कम करने के साथ ही राज्य को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में सरकार ये बेहद महत्पूर्ण काम करने जा रही है। इससे राज्य में हाइब्रिड वाहनों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी और डीजल-पैट्रोल संचालित वाहनों का दबाव भी कम होगा। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह के मुताबिक इलेक्ट्रिक के साथ हाइब्रिड वाहन भी पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल हैं। डीजल-पेट्रोल का विकल्प होने के बावजूद लोग इन्हें बैटरी से चलाने को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने बताया कि इन वाहनों को टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।
गाड़ी पर लगता है भारी टैक्स
रजिस्ट्रेशन टैक्स वाहन की कीमत के अनुसार तय होता है। उत्तराखंड में पांच लाख रुपये तक के वाहन के लिए मूल्य का आठ फीसद, पांच लाख रुपये से 9.99 लाख रुपये तक के वाहन पर नौ प्रतिशत रजिस्ट्रेशन टैक्स लिया जाता है। दस लाख और इससे अधिक कीमत के वाहन पर 10 फीसद टैक्स लिया जाता है। इसके साथ बिना लोन के वाहन के लिए 2500 रुपये और बैंक लोन लेकर खरीदे गए वाहन के लिए चार हजार रुपये फीस देनी होती है। वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्ट्रेशन शुल्क से मुक्त हैं।
बैटरी और ईंधन से चलती हैं ये गाड़ियां
हाइब्रिड वाहनों को इच्छानुसार बैटरी या पेट्रोल-डीजल से चलाया जा सकता है। बैटरी पावर कम होने पर इंजन को ईंधन पर शिफ्ट किया जा सकता है और ईंधन खत्म होने पर बैटरी पर। इस साल एक जनवरी से अब तक उत्तराखंड में 3915 पेट्रोल हाइब्रिड वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। वहीं, डीजल हाइब्रिड वाहन 35 के करीब। इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन की संख्या 13,232 है। इससे साफ जाहिर है कि राज्य में हाईब्रिड वाहनों का क्रेज लगातार बढ़ रहा है।