त्रिवेंद्र रावत बोले, मुझे नहीं बनना सीएम, मेरे बयान का उत्तराखंड की राजनीति से नहीं कोई लेना-देना

BJP MP Trivendra Singh Rawat has given clarification on the controversial statement
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Uttarakhand News:पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने बीते दिनों राज्य में अवैध खनन का मामला संसद में से उठाया था। उनके संसद में उठाए गए सवाल के जवाब में  खनन सचिव ने राज्य में अवैध खनन की बात को खारिज किया था। सचिव के जवाब के बाद मीडिया कर्मियों ने सांसद त्रिवेंद्र रावत से सवाल किया था। सवाल के जवाब में त्रिवेंद्र रावत की विवादित टिप्पणी के बाद राज्य में हंगामा मच गया था। आईएएस एसोसिएशन ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अन्य संगठनों ने भी उनके बयान पर आक्रोश जताया था। त्रिवेंद्र रावत ने संसद में अवैध खनन को लेकर दिए गए बयान की टाइमिंग पर उठते सवालों के बीच कहा कि मैं अब दिल्ली में हूं और मुझे सीएम नहीं बनना है। सांसद त्रिवेंद्र रावत से उनके बयान की टाइमिंग को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि सदन में दिए गए बयान का राज्य के राजनैतिक घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। कहा कि अब वह दिल्ली में हैं। स्पष्ट किया कि उन्हें उत्तराखंड का सीएम नहीं बनना है। कहा कि कुछ लोग मेरे बयान के जरिए राजनीति कर रहे हैं तो उन्हें करने दीजिए। कहा कि हमने इस पार्टी को अपने खून से सींचा है, मैं क्यों चाहूंगा कि सरकार अस्थिर हो। उन्होंने कहा कि सदन में राज्य में खनन का नहीं बल्कि अवैध खनन का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने मेरे बयान को व्यक्तिगत ले लिया। लेकिन मेरी चिंता पर्यावरण और आम लोगों के जीवन को लेकर है। उन्होंने कहा कि राज्य का खनन राजस्व बढ़ा यह अच्छी बात है लेकिन अवैज्ञानिक और अवैध तरीके से न हो यह सुनिश्चित करने की जरूरत है।

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बोले, कहावत को बना दिया मुद्दा

पूर्व सीएम व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अवैध खनन पर दिए गए बयान को लेकर साफ किया कि उन्होंने किसी भी अधिकारी का नाम नहीं लिया। कहा कि उनके बयान के आगे और पीछे के हिस्से को काट कर केवल कहावत को मुद्दा बनाया गया जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सब अधिकारी अपने हैं और प्रिय हैं। कहा, जब मैं मुख्यमंत्री था, तब आप लोग कहते थे कि अधिकारियों की चलती है। अधिकारी की टिप्पणी पर दी गई प्रतिक्रिया को लेकर त्रिवेंद्र ने साफ किया कि मेरी टिप्पणी किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं थी। जब मैं मुख्यमंत्री था तो आप कहते थे त्रिवेंद्र अधिकारियों की सुनता है।

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