गर्मी और प्रदूषण से हर साल मरेंगे तीन करोड़ लोग, शोध में हुआ चिंताजनक खुलासा
revealed in research:विश्व में बढ़ रहे तापमान और वायु प्रदूषण से मौतों के आकड़े में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। जल्द ही सकारात्मक कदम नहीं उठाने पर हर साल तीन करोड़ से अधिक लोग प्रदूषण और भीषण गर्मी से मर सकते हैं। जर्मनी स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर केमिस्ट्री के शोध में यह आशंका जताई गई है। ये शोध विज्ञान पत्रिका न्यूज मेडिकल लाइफ साइंस में प्रकाशित हुआ है।
revealed in research:भीषण गर्मी और वायु प्रदूषण मौतों की सबसे बड़ी वजह बन सकती है। हर साल भीषण गर्मी और वायु प्रदूषण से विश्व में लाखों लोगों की मौत हो रही है। जर्मनी स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर केमिस्ट्री के शोध में खुलासा हुआ है कि यदि जल्द ही सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो प्रदूषण और गर्मी से विश्व में हर साल तीन करोड़ लोग जान गंवा सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय शोध दल ने पाया, वायु प्रदूषण और अधिक तापमान से जुड़ी वार्षिक मृत्यु दर सदी के अंत तक अनियंत्रित हो सकती है। प्रदूषण से संबंधित मौतें पांच गुना, जबकि बढ़ते पारे से संबंधित मृत्यु दर सात गुना तक बढ़ सकती है। शोधार्थियों के मुताबिक 2000 से 2010 के बीच हर साल बढ़ती गर्मी के कारण औसतन 16 लाख लोग मारे गए। तापमान और बढ़ा या यही हाल रहे तब भी सदी के अंत तक यह आंकड़ा सात गुना की वृद्धि के साथ 1.08 करोड़ हो जाएगा।
सदी के अंत तक होगा ऐसा हश्र
भीषण गर्मी और प्रदूषण से सदी के अंत तक दुनिया की 20 फीसद आबादी यानी हर पांचवां शख्स गंभीर स्वास्थ्य जोखिम झेलने को मजबूर होगा। भविष्य में तापमान से संबंधित स्वास्थ्य जोखिम वायु प्रदूषण से जुड़े खतरों से ज्यादा होगा। सालाना करोड़ों लोग भीषण गर्मी और प्रदूषण से जान गंवा सकते हैं।वैज्ञानिक शोध में हुआ खुलासा बेहद चिंता का विषय है।
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एशिया पर पड़ेगा ज्यादा असर
अध्ययन में भविष्य की मृत्यु दर में क्षेत्रीय अंतर दिखाते हैं। दक्षिण और पूर्वी एशिया में वायु प्रदूषण से ज्यादा मौत होने का अनुमान है। सदी के अंत तक इस क्षेत्र में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। पश्चिमी यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया में गर्मी बढ़ने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिससे मौत का जोखिम बढ़ेगा। वहीं अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जापान बदलाव होने लगे हैं।