उत्तराखंड में यूपी-बिहार के इंजीनियरों की बहाली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार
उत्तराखंड के आरक्षित पदों पर दिल्ली, यूपी और बिहार के इंजीनियरों की बहाली के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है। हाईकोर्ट ने इस मामले में इंजीनियरों को बहाल करने के आदेश जारी दिए थे। इसी को देखते हुए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मामले की सुनवाई 15 अक्तूबर को होगी।
उत्तराखंड के लिए आरक्षित पदों पर यूपी, दिल्ली और बिहार के इंजीनियरों की बहाली के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी है। यह मामला उत्तराखंड पेयजल निगम से जुड़ा हुआ है। उत्तराखंड में आरक्षित पदों पर दिल्ली, यूपी, बिहार के इंजीनियरों की बहाली के आदेश के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। दरअसल, उत्तराखंड में करीब 20 साल पहले सहायक अभियंता के पद पर नियुक्त हुए इंजीनियरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थी। इस पर इंजीनियरों ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने इंजीनियरों को बहाल करने के आदेश दिए थे। पेयजल निगम में साल 2005 में सहायक अभियंता पद पर भर्तियां हुई थीं। पंजाब यूनिवर्सिटी से हुई इस भर्ती में आरक्षित पदों पर कई दूसरे राज्यों के लोगों का चयन कर लिया गया था। आरोप है कि जल निगम मुख्यालय में भी दस्तावेजों की जांच के दौरान प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस कारण दूसरे राज्यों के इंजीनियर आरक्षित पदों पर करीब दो दशक तक नौकरी करते रहे। वर्ष 2019 में इस मामले का खुलासा हुआ था। उसके बाद शासन स्तर से पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई थी। जांच के बाद इंजीनियरों की सेवा समाप्त कर दी गई थी। इस जद में यूपी, बिहार और दिल्ली के चार इंजीनियर आए थे। उन इंजीनियरों ने बर्खास्तगी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने उन इंजीनियरों को पुन: बहाल करने के आदेश राज्य सरकार को दिए थे। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अब 15 अक्तूबर को होगी।
