52 शिक्षकों और कार्मिकों पर बर्खास्तगी की तलवार, अंतिम नोटिस जारी
उत्तराखंड में 52 शिक्षकों और कार्मिकों को बर्खास्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। शिक्षा महानिदेशालय स्तर से संबंधित कार्मिकों को अंतिम नोटिस जारी कर उनका पक्ष मांगा गया है। महकमे के इस सख्त रुख से संबंधित कार्मिकों में हड़कंप मचा हुआ है। नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संबंधित कार्मिकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
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उत्तराखंड में 52 शिक्षकों और कार्मिकों को नौकरी से बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राज्य में करीब 52 शिक्षक और कर्मचारी लंबे समय से ड्यूटी से नदारद चल रहे हैं। शिक्षा महानिदेशक-झरना कमठान के मुताबिक लंबे समय से ड्यूटी से गायब चल रहे शिक्षकों और कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि सभी कार्मिकों को नियमानुसार अपनी बात रखने का मौका दिया जा रहा है। कहा कि कार्मिकों का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है। शिक्षा महकमे में हाल में 98 शिक्षक-कर्मचारी ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जो लंबे समय से बिना अनुमति के अपने तैनाती स्थल से गैरहाजिर चल रहे हैं। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ऐसे सभी कार्मिकों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए थे। उसी को लेकर विभाग ने बर्खास्तगी की कार्यवाही शुरू की है। शिक्षा महानिदेशक झरना कठमान के मुताबिक बिना अनुमति अपने कार्यस्थल से गैरहाजिर रहना गंभीर अनुशासनहीनता है। अब तक 35 कार्मिकों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी है। बताया कि शेष 52 कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही चल रही है।
35 शिक्षक को चुके बर्खास्त
उत्तराखंड में लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे 98 कार्मिकों में 11 के जवाब संतोषजनक पाए गए हैं। लिहाजा विभाग ने उन्हें कड़ी चेतावनी के साथ ज्वाइन करने की अनुमति दे दी है। अब चार प्रवक्ता, आठ एलटी कैडर शिक्षक और 20 प्राथमिक व जूनियर कैडर शिक्षकों के खिलाफ विभागीय प्रक्रिया जारी है। साथ ही मिनिस्टीरियल कैडर के 13 और चतुर्थ श्रेणी के सात कार्मिकों से भी जवाब लिए जा रहे हैं। जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर इन कार्मिकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा। इससे पूर्व महकमा 35 शिक्षकों को बर्खास्त कर चुका है।
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