देवीधुरा में पाषाण युद्ध, 80 रणबांकुरे घायल, लोगों के खड़े हो गए रोंगटे
Bagwal Mela of Devidhura: देवीधुरा में बग्वाल मेले में करीब 11 मिनट तक रोंगटे खड़े करने वाला पाषाण युद्ध हुआ। चार खामों के रणबांकुरों ने एक-दूसरे पर फल, पत्थर, और ईंटे बरसाकर ये अनूठी परंपरा निभाई।
Bagwal Mela of Devidhura:उत्तराखंड के चम्पावत जिले के देवीधुरा स्थिति प्रसिद्ध मां वाराही मंदिर में हर साल रक्षाबंधन पर बग्वाल मेला होता है। हजारों की संख्या में लोग इस अनूठी परंपरा के साक्षी बनते हैं। इस बार एतिहासिक बग्वाल सोमवार दिन में करीब 2:05 बजे शंखनाद के साथ शुरू हुई। इससे पहले लमगड़िया खाम, चम्याल खाम, गहरवाल खाम और वालिक खाम के सैकड़ों रणबाकुरों ने खोलीखांण दूर्वाचौड़ मैदान की ढोल नगाड़ों के साथ विधिपूर्वक परिक्रमा की। दिन में 2:05 बजे शंखनाद के साथ बग्वाल शुरू हो गई थी। 11 मिनट तक चली इस बग्वाल में करीब 80 लोग घायल हुए। घायलों में रणबांकुरों के अलावा कई दर्शक भी शामिल थे, जिनका अस्पताल में उपचार किया गया। रणबाकुंरों ने शुरुआत में एक-दूसरे दल पर फलों से प्रहार किए। उसके बाद मौके पर पाषाण युद्ध शुरू हो गया था। रणबांकुरों ने मां वाराही के जयकारों के साथ एक-दूसरे पर पत्थर और ईंटे बरसानी शुरू कर दी थी। दोपहर 2:16बजे पुजारी ने मैदान में पहुंकर शंखनाद कर चंवर झुलाते हुए बग्वाल के समापन की विधिवत घोषणा की। रणबाकुंरों ने शुरुआत में एक-दूसरे दल पर फलों से प्रहार किए। उसके बाद मौके पर पाषाण युद्ध शुरू हो गया था। रणबांकुरों ने मां वाराही के जयकारों के साथ एक-दूसरे पर पत्थर और ईंटे बरसानी शुरू कर दी थी। दोपहर 2:16बजे पुजारी ने मैदान में पहुंकर शंखनाद कर चंवर झुलाते हुए बग्वाल के समापन की विधिवत घोषणा की।