सितारगंज हाईवे घोटाले में वरिष्ठ पीसीएस बर्खास्त, दो एसडीएम निलंबित
Sitarganj fourlane highway scam:सितारगंज हाईवे भूमि घोटाले में एक एसडीएम सहित दो अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही एक वरिष्ठ पीसीएस अफसर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। सरकार के इस रुख से अफसरों में खलबली मची हुई है।

Sitarganj fourlane highway scam:सितारगंज फोरलेन हाईवे में करोड़ों के भूमि घोटाले में यूपी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। यूपी से उत्तराखंड के सितारगंज बॉर्डर तक यूपी सरकार ये प्रोजेक्ट बना रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सितारगंज फोरलेन हाईवे तथा पश्चिमी रिंग रोड भूमि अधिग्रहण घोटाले में एक वरिष्ठ पीसीएस अफसर को बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा एसडीएम सहित दो पीसीएस अफसरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड भी कर दिया है। सरकार ने बरेली में तैनात एसडीएम (न्यायिक)आशीष कुमार और पूर्व नगर मजिस्ट्रेट मदन कुमार को सस्पेंड किया है। वहीं, वरिष्ठ पीसीएस अफसर गणेश प्रसाद सिंह को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। सितारगंज फोरलेन हाईवे और पश्चिमी रिंग रोड भूमि अधिग्रहण घोटाले में योगी सरकार के बड़े एक्शन से पूरे राज्य में खलबली का माहौल है। बता दें कि सीनियर पीसीएस गणेश प्रसाद को जौनपुर में मुख्य राजस्व अधिकारी रहते हुए वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप लगा था। इस पर वरिष्ठ पीसीएस गणेश प्रसाद को सस्पेंड कर राजस्व परिषद में संबद्ध कर दिया गया था। उनपर आरोप लगे हैं कि उन्होंने कुशीनगर में तैनाती के दौरान नियम विरुद्ध तरीके से ग्राम समाज की जमीन पट्टे पर दर्शाते हुए इस करोड़ों के घोटाले को अंजाम तक पहुंचाया था। उसके बाद सरकार ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में घोटाले की पुष्टि हुई थी।रिपोर्ट के आधार पर अब सरकार ने वरिष्ठ पीसीएस गणेश प्रसाद सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
ये भी पढ़ें-भतीजे के साथ चाची फरार:सास ने दर्ज कराया केस, दोनों में चल रहा था अफेयर
सौ करोड़ का हुआ था घोटाला
सितारगंज फोरलेन हाईवे और पश्चिमी रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण मूल्यांकन में हेराफेरी कर 100 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाले का मामला उजागर हुआ था। आशीष कुमार वर्तमान में एडीएम न्यायिक/विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी के पद पर कार्यरत थे और पिछले साल से इस पद का चार्ज संभाल रहे थे। उनके कार्यकाल में ही यह घोटाला उजागर हुआ। मदन कुमार साल 2021 में बरेली में नगर मजिस्ट्रेट थे। उन्होंने भी विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी के रूप में लंबे समय तक कार्य किया था। उनके कार्यकाल में ही सितारगंज फोरलेन हाईवे भूमि अधिग्रहण का मूल्यांकन हुआ था।
ये भी पढ़ें- गृह मंत्री अमित शाह आज हल्द्वानी में करेंगे राष्ट्रीय खेलों का समापन, रूट इस प्रकार रहेगा डायवर्ट
कई और अधिकारियों पर गिरेगी गाज
करोड़ों के घोटाले के आरोपी मदन कुमार इस वक्त मऊ में एसडीएम पद पर कार्यरत हैं। अब सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि तक उन्हें राजस्व परिषद में संबद्ध किया गया है। बता दें कि इस घोटाले में बरेली और पीलीभीत के 15 से अधिक अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। अब तहसील सदर और तहसील नवाबगंज के लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों पर भी कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है।
ये भी पढ़ें- मार्च में पड़ेगी रिकॉर्डतोड़ गर्मी, मौसम विभाग ने जताए आसार