Baba Tarsem murder case: लोस चुनाव की कड़ी चौकसी के बीच असलहे लेकर कैसे पहुंचे हमलावर
Baba Tarsem Singh murder case: उत्तराखंड के नानकमत्ता गुरुद्वारे में कार सेवा डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की सनसनीखेज हत्या के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
नानकमत्ता गुरुद्वारे में बाइक पर आए हमलावरों ने बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि कार सेवा डेरा प्रमुख नानकमत्ता 60 वर्षीय बाबा तरसेम सिंह को बाइक से आए हमलावर ने गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल तरसेम सिंह को उपचार के लिए खटीमा के निजी अस्पताल ले जाया गया था, जहां उनकी मौत हो गई थी। इस हत्याकांड से पूरे राज्य में सनसनी मची हुई है। वहीं दूसरी ओर लोस चुनाव में कड़ी चौकसी के बीच बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद पुलिस और खुफिया विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
19 मार्च से ही सराय में ठहरे थे हमलावर
नानकमत्ता में बाबा तरसेम की हत्या करने वाले 19 मार्च से गुरुद्वारा की सराय में रह रहे थे। बताया जा रहा है कि सराय में उनकी आईडी आधार कार्ड और हेल्थ कार्ड भी मिले हैं। आईडी के मुताबिक हमलावर वह पंजाब के रहने वाले थे। हालांकि आईडी फर्जी होने की भी संभावना पुलिस जता रही है। ऐसे हालात में सवाल ये उठता है कि सराय में ठहरे उन हमलावरों तक असलहा कैसे पहुंचा। या वह असलहा लेकर ही सराय में पहुंचे थे।
चप्पे-चप्पे पर चौकसी के दावों की खुली पोल
इस समय पूरे देश में लोक सभा चुनाव की आचार संहिता लागू है। बाहर से आने वाले हर एक शख्स की गहन चेकिंग के दावे किए जा रहे हैं। बावजूद इसके इन हमलावरों पर किसी भी चेकिंग टीम या स्थानीय पुलिस की नजर नहीं पड़ी।
बाबा को जान से मारने की मिली थी धमकी
बीते 17 जुलाई को सोशल मीडिया के फेसबुक अकाउंट पर जगीर सिंह जख्मी ने बाबा तरसेम सिंह के गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब की प्रबंधक कमेटी में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए पोस्ट डाली थी।पोस्ट को शेयर करते हुए परमजीत सिंह खालसा ने बाबा तरसेम सिंह को जान से मारने की धमकी भी दी थी।