जागेश्वर में पुजारी को किया एक माह के लिए सस्पेंड:पुजारियों में आक्रोश
जागेश्वर धाम (Jageshwar Dham) में मंदिर प्रबंधन समिति की प्रबंधक ने जिलाधिकारी (DM) के मौखिक निर्देश का हवाला देते हुए एक बारीदार पुजारी को एक माह के लिए सस्पेंड कर दिया है। प्रबंधक के इस फरमान से पुजारियों में आक्रोश व्याप्त है। आगे पढ़ें कि आखिर पुजारियों ने अगली रणनीति क्या तय की है… वीडियो भी देखें
बताया जा रहा है कि मंदिर के गर्भगृह में पूजा कराने को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति की प्रबंधक ने सूचीबद्ध बारीदार पुजारी आशीष भट्ट को कुछ दिन पूर्व नोटिस जारी किया था। आशीष भट्ट ने नोटिस का उत्तर भी दे दिया था। इधर,दो दिन पूर्व ही प्रबंधक ने जिलाधिकारी के मौखिक निर्देश का हवाला देते हुए पुजारी आशीष भट्ट को एक माह के लिए सस्पेंड कर दिया है। साथ ही उन पर 21 सौ रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। जागेश्वर धाम में सूचीबद्ध पुजारी के खिलाफ पहली बार इस प्रकार की कार्रवाई हुई है। इस कार्रवाई से पुजारियों में आक्रोश व्याप्त है। मंदिर प्रबंधन समिति की प्रबंधक ज्योत्सना पंत ने बताया कि जिलाधिकारी अल्मोड़ा (अध्यक्ष, जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति) के आदेश के अनुपालन में ये कार्रवाई की गई है।
श्रद्धालुओं की पूजा नहीं करा सकेंगे आशीष
प्रबंधक ने अपने आदेश में लिखा है कि आठ अप्रैल से अगले एक माह के लिए पुजारी आशीष भट्ट को जागेश्वर मंदिर समूह में होने वाली भौतिक और परंपरागत पूजाओं से निष्कासित किया जाता है। प्रबंधक के आदेश में कहा गया है कि यदि निलंबन की अवधि में पुजारी आशीष भट्ट धनोपार्जन से संबंधित धार्मिक क्रिया-कलापों में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से भागीदार करते हुए पकड़े गए तो पुजारियों से सूची से उनका नाम हटा दिया जाएगा। ये आदेश प्रबंधक ने जिलाधिकारी के मौखिक निर्देश के क्रम में पारित किया है।
पुजारी करेंगे धर्माचार्यों से मुलाकात
आशीष भट्ट के खिलाफ कठोर कार्रवाई से पुजारियों में आक्रोश है। इसी को लेकर पुजारियों ने बुधवार को जागेश्वर में बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की। साथ ही उन्होंने प्रबंधक के इस निर्णय की निंदा भी की। पुजारियों ने बताया कि जल्द ही वह हरिद्वार पहुंचकर महामंडलेश्वर और शंकराचार्य से मुलाकात करेंगे। पुजारी धर्माचार्यों से मुलाकात कर उनपर हो रहे अत्याचार और प्राचीन पूजा परंपराओं से हो रहे खिलवाड़ की जानकारी देंगे।साथ ही राज्यपाल और सीएम से भी मुलाकात करेंगे। 19 अप्रैल को मतदान करने के एक-दो दिन बाद पुजारी हरिद्वार और देहरादून रवाना होंंगे।
किसी भी पुजारी का उत्पीड़न नहीं सहेंगे
बैठक में पुजारियों ने कहा कि मंदिर परिसर में कार्यरत किसी भी पुजारी का उत्पीड़न नहीं सहा जाएगा। चाहे वह सूचीबद्ध हो अथवा गैर सूचीबद्ध। कहा कि जागेश्वर धाम क्षेत्र के समस्त भट्ट परिवारों के सदस्य जोकि जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना कर रहे हैं यदि उनका उत्पीड़न किया गया तो समस्त पुजारी एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे।
प्रबंधक का निजी निर्णय!
जागेश्वर धाम में उच्च न्यायालय ने पांच सदस्यीय मंदिर प्रबंधन समिति गठित कराई है। इस समिति के पदेन अध्यक्ष जिलाधिकारी अल्मोड़ा होते हैं। इसके अलावा उपाध्यक्ष (अवैतनिक) और प्रबंधक (वैतनिक) की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं। पुजारी प्रतिनिधि का चयन सूचीबद्ध पुजारी लोकतांत्रिक तरीके से मतदान के जरिए करते हैं। पांचवें सदस्य के रूप में क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी होते हैं। किसी भी प्रकार का निर्णय पांच सदस्यीय समिति करती है। हालांकि इस निर्णय के लिए पुजारी प्रतिनिधि या उपाध्यक्ष को विश्वास में नहीं लिया गया है।
बैठक में ये रहे शामिल
बैठक में पंडित भगवान भट्ट, पंडित लक्ष्मी दत्त भट्ट, पंडित शुभम भट्ट, आचार्य गिरीश चंद्र भट्ट, आचार्य लीलाधर भट्ट, व्यापार मंडल अध्यक्ष पंडित मुकेश भट्ट, , पंडित आनंद भट्ट, पंडित नाथू भट्ट, पंडित नवीन चंद्र भट्ट, पंडित कैलाश भट्ट संगम, पंडित हरीश चंद्र भट्ट, पंडित महेश भट्ट, पंडित कैलाश चंद्र, पंडित दिनेश भट्ट, पंडित पंकज भट्ट, पंडित नीरज भट्ट सहित तमाम पुजारी मौजूद रहे।