पिथौरागढ़ डीएम का आरोप, सेना भर्ती में मची भगदड़ के लिए आर्मी जिम्मेदार
प्रादेशिक सेना की भर्ती में मची भगदड़ के लिए पिथौरागढ़ के डीएम ने आर्मी को जिम्मेदार बताया है। डीएम ने आरोप लगाया कि सेना के स्तर से अनिर्णय की स्थिति और बिहार में होने वाली यूपी के युवाओं की भर्ती निरस्त होने से यहां हालात बिगड़े। बिहार में भर्ती निरस्त होने की सूचना सेना ने प्रशासन को काफी देरी से दी थी।
पिथौरागढ़ में चल रही प्रादेशिक सेना भर्ती के दौरान बुधवार को अचानक भगदड़ मच गई थी। भगदड़ में कई युवा चोटिल हो गए थे। यूपी से एक साथ करीब 20 हजार युवा सेना भर्ती के लिए पहुंचे थे। युवाओं ने सेना के मुख्य गेट का दरवाजा भी तोड़ दिया था। इसी बीच अब पिथौरागढ़ के डीएम विनोद गोस्वामी ने मीडिया को एक बयान जारी कर भगदड़ के लिए सेना को जिम्मेदार ठहराया है। डीएम ने कहा कि जिले में सेना की भर्ती की तैयारियों के संबंध में बीती आठ नवंबर को बैठक हुई थी। प्रशासन को बताया गया था कि आर्मी की भर्ती सागर (एमपी), दानापुर (बिहार) और पिथौरागढ़ में होनी है। यह भी जानकारी दी थी कि अन्य राज्यों के लिए निर्धारित तिथियों में अभ्यर्थियों की भीड़ कम रहेगी। लेकिन अचानक भीड़ उमड़ने से भगदड़ मच गई थी।
यूपी से उमड़े अभ्यर्थी
पिथौरागढ़ में सेना भर्ती की उसी तिथि को सेना ने बिहार में भी भर्ती रखी थी, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया था। पिथौरागढ़ प्रशासन के मुताबिक सेना की ओर से बिहार में भर्ती रद होने की जानकारी काफी देरी से दी गई थी। इसी के चलते प्रशासन कम भीड़ की अपेक्षा के अनुसार तैयारियों में जुटा हुआ था। लेकिन बिहार में भर्ती रैली रद होने से यूपी से हजारों की भीड़ पिथौरागढ़ पहुंच गई थी, जिससे यहां भगदड़ मची।
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18 नवंबर को मिली सूचना
डीएम विनोद गोस्वामी के मुताबिक 11 नवंबर को उत्तराखंड परिवहन निगम और परिवहन विभाग से अतिरिक्त बसों का अनुरोध किया था। इस बीच, यूपी के अभ्यर्थियों के लिए दानापुर में होने वाली भर्ती 17 नवंबर को अचानक निरस्त हो गई थी। पिथौरागढ़ जिला प्रशासन को इसकी सूचना पत्र के माध्यम 18 नवंबर को मिली। डीएम ने कहा, सेना के अफसरों ने इस संबंध में न कोई फोन किया और न ई-मेल भेजा। उधर, दानापुर की भर्ती में शामिल होने वाले यूपी के अभ्यर्थी भी यहां पहुंच गए। यदि दानापुर में भर्ती निरस्त होने की सूचना समय से दी जाती तो असुविधा नहीं होती।