उत्तराखंड के 11 जिलों में बाहरी लोग नहीं खरीद सकेंगे जमीन, भू-माफिया पर होगा बड़ा प्रहार
Land law in Uttarakhand: उत्तराखंड के 11 जिलों में बाहरी राज्यों के लोग कृषि और उद्यान की भूमि नहीं खरीद पाएंगे। संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से भी जमीन खरीदने की परमिशन देने का अधिकारी छीन लिया गया है। जल्द ही राज्य में भू-माफिया पर शिकंजा कसने वाला है। राज्य के पर्वतीय जिलों और खासतौर पर पर्यटक स्थलों के आसपास बड़ी तादात में बाहरी राज्यों के लोगों ने नियम विरुद्ध तरीके से जमीनें खरीदी हैं, उन्हें भी सरकार जब्त करने वाली है।
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Land law in Uttarakhand: उत्तराखंड के 11 जिलों में बाहरी राज्यों के लोग कृषि और उद्यान की जमीनें नहीं खरीद सकेंगे। बता दें कि कल ही राज्य में नए भू-कानून को मंत्री मंडल की बैठक में मंजूरी मिली है। नया भू-कानून लागू होते ही पहाड़ों में सक्रिय भू-माफिया के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। दरअसल, उत्तराखंड की सांस्कृति विरासत में हो रहे नुकसान और तेजी हो रहे डेमोग्राफिक बदलावों से चिंतित राज्य के लोग लंबे समय से यहां पर सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर आंदोलनरत थे। इसे लेकर जगह-जगह धरने-प्रदर्शन भी चल रहे थे। लोगों की मांग को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पिछले साल ही राज्य में सशक्त भू-कानून लागू करने का वायदा किया था। कल यानी बुधवार को बजट सत्र के बीच हुई मंत्री मंडल की बैठक में सशक्त भू-कानून विधेयक को मंजूरी मिल गई थी। राज्य में नया भू-कानून लागू होते ही लैंड माफिया पर शिकंजा कसना शुरू हो जाएगा। नए भू-कानून के मुताबिक राज्य के 11 जिलों में बाहरी लोग कृषि और उद्यान की जमीनें नहीं खरीद पाएंगे। नया भू-कानून लागू होते ही लैंड माफिया पर भी शिकंजा कसना शुरू हो जाएगा। धामी सरकार के नए प्रस्तावित भू कानून के लागू होने के बाद पहाड़ पर सक्रिय लैंड बैंक माफिया पर शिकंजा कसेगा। कृषि, उद्यान के नाम पर जमीनों के खरीदकर लैंड बैंक बनाने वालों को झटका लगेगा। इससे पहाड़ पर जमीनों का बेहतर प्रबंधन होगा। सरकार को विकास योजनाओं के लिए जमीनें उपलब्ध हो सकेंगी।
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इन क्षेत्रों में सक्रिय है भू-माफिया
पहाड़ों में कुछ समय में उत्तरकाशी, टिहरी, यमकेश्वर, लैंसडौन, रामनगर, मुक्तेश्वर, अल्मोड़ा, रानीखेत, जागेश्वर धाम, लमगड़ा सहित विभिन्न पर्यटक स्थलों के आसपास बड़ी तादात में जमीनें बाहरी राज्यों के लोगों ने खरीदी हैं। बड़े पैमाने पर कृषि, उद्यान के नाम पर जमीनें खरीदीं। इनको जिस प्रयोजन से खरीदा गया, उनके लिए इनका प्रयोग नहीं किया। बाहरी राज्यों के लोगों ने पहाड़ी इलाकों में होटल-रिजॉर्ट तक खोल दिए हैं। प्रदेश में कई जगह ऐसा हुआ कि जहां सरकार की बड़ी योजना प्रस्तावित हुई, वहीं बाहरी लोगों ने बड़ा लैंड बैंक तैयार कर लिया। इसका खुलासा खुद सरकार की ओर से पिछले कुछ महीनों में भू कानून उल्लंघन के मामलों में तैयार की गई रिपोर्ट में हुआ। नए प्रस्तावित भू कानून से जमीनों के इन तमाम घपले, घोटालों और लैंड पूलिंग के मामलों में रोक लग सकेगी। अब पहाड़ों पर लैंड बैंक माफिया की जगह विकास योजनाओं के लिए जमीनों का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा।
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यूएस नगर और हरिद्वार में छूट
नया भू-कानून लागू होने के बाद बाहरी राज्यों के लोग उत्तराखंड के 11 जिलों में कृषि और उद्यान की जमीनें नहीं खरीद सकेंगे। बाहरी राज्यों के लोग केवल हरिद्वार और यूएस नगर में ही जमीनें खरीद सकेंगे। अभी तक उत्तराखंड में बाहर के लोग बिना मंजूरी 250 वर्ग मीटर और मंजूरी लेकर साढ़े 12 एकड़ से भी अधिक जमीन कृषि, उद्यान के लिए खरीद सकते थे। लेकिन अब ये व्यवस्था पूरी तरह समाप्त कर दी गई है।
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डीएम के अधिकार भी समाप्त
उत्तराखंड में बाहरी राज्यों के लोग पूर्व में सवा नाली से अधिक भूमि खरीदने के लिए संबंधित जिलों के डीएम से परमिशन ले लेते थे। लेकिन नए भू-कानून में जमीन खरीद की परमिशन देने का अधिकार जिलाधिकारियों से छीन लिया गया है। अब शासन की अनुमति के बगैर बाहरी राज्यों के लोग 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि नहीं खरीद पाएंगे। शासन से अनुमति के लिए तमाम प्रक्रियाएं पूरी करनी पड़ेगी। साथ ही जमीन खरीद का प्रायोजन भी स्पष्ट करना पड़ेगा।