नव संवत्सर:राजा होंगे मंगल और प्रधानमंत्री शनि, जानें क्या पड़ेगा प्रभाव
जल्द ही नव संवत्सर यानी नया हिंदू नववर्ष (hindu new year) शुरू होने जा रहा है। नव संवत्सर पर अखिल ब्रहमांड (universe) के लिए सरकार तय हो गई है। नए साल में मंगल राजा होंगे और शनिदेव प्रधानमंत्री होंगे। मंगल और शनि के नेतृत्व में शुरू होने वाले नए संवत्सर का नाम कालयुक्त होगा।

हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार नव संवत्सर (Nav Samvatsar 2081) नौ अप्रैल को मंगलवार से शुरू हो रहा है। ऐसे में इसके स्वामी मंगल होंगे। नव संवत्सर सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, शश योग, रेवती, अश्विनी नक्षत्र के साथ आगमन कर रहा है।ज्योतिषियों के मुताबिक नव संवत्सर के लिए आकाशीय परिषद में इस बार मंगल को राजा और शनिदेव को प्रधानमंत्री बनाने सहित कुल दस पदों का वितरण किया गया है।
मंगल और शनि की युति डालेगी असर
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मंगल और शनि दोनों की युति का जनमानस पर मिलाजुला प्रभाव नजर आएगा। मान्यता है कि शनि न्याय के देवता हैं, जो मानव को उसके कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। विभिन्न राशियों पर इन खगोलीय घटनाओं का अलग-अलग प्रभाव पड़ सकता है।
‘क्रोधी’ नाम से भी जाना जाएगा संवत्सर
हिन्दू धर्म में नववर्ष विक्रम संवत का स्वागत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि के पहले दिन किया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान ब्रह्माजी ने सृष्टि का आरम्भ किया था, इसलिए चैत्र हिन्दू नववर्ष का पहला महीना बना। शास्त्रों में कुल 60 संवत्सर बताए गए हैं। 2081 नव संवत्सर को ‘क्रोधी’ नाम से भी जाना जाएगा।