उत्तराखंड में शराब होगी महंगी! ओवर रेटिंग पर सीधे लाइसेंस निरस्त, नई आबकारी नीति मंजूर
New Excise Policy Approved:उत्तराखंड में नए वित्तीय वर्ष से शराब महंगी हो सकती है। कैबिनेट ने आज नई आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान कर दी है। नई आबकारी नीति में कई कड़े प्रावधान भी लागू किए गए हैं। इसके तहत ओवर रेटिंग पाए जाने पर संबंधित ठेके का सीधे लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा राज्य में शराब की उप दुकानें भी बंद करने का निर्णय नई आबकारी नीति में लिया गया है।

New Excise Policy Approved:उत्तराखंड में एक अप्रैल 2025 से शराब महंगी हो सकती है। उत्तराखंड की नई आबकारी नीति 2025 को आज धामी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। नई आबकारी नीति के तहत सरकार ने कई प्रावधान तय किए हैं। नई आबकारी नीति में किसी शराब की दुकान पर एमआरपी से अधिक दाम वसूलने पर सीधे लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान तय किया गया है। मौजूदा नीति में ओवर रेटिंग पर जुर्माने का प्रावधान था। इसी के चलते अधिकांश ठेकों में शराब की ओवर रेटिंग हो रही थी। सबसे अधिक ओवर रेटिंग के मामले राज्य के पर्वतीय जिलों के ठेकों पर आते रहे हैं। अब ठेके के आवा डिपार्टमेंटल स्टोर पर भी एमआरपी अनिवार्य तौर पर लागू हो जाएगी। राज्य की नई आबकारी नीति में धार्मिक क्षेत्रों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उनके निकटवर्ती मदिरा की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। जनसंवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए शराब की बिक्री पर और अधिक नियंत्रण किया जाएगा। नए वित्तीय विर्ष से राज्य में शराब उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था खत्म कर दी जाएगी। बताया जा रहा है कि राज्य में आबकारी का लक्ष्य बढ़ने के साथ ही नए वित्तीय वर्ष से शराब के दाम 10 से 15 फीसदी तक बढ़ भी सकते हैं। हालांकि नई आबकारी नीति का गजट सामने आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
ऐसे आवंटित होंगी दुकानें
आबकारी नीति के तहत नवीनीकरण, लॉटरी और अधिकतम ऑफर जैसी पारदर्शी प्रक्रियाओं के माध्यम से शराब दुकानें आवंटित की जाएंगी। आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जाएगा। स्थानीय कृषि उत्पादों को डिस्टिलरी द्वारा प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी और उन्हें नए बाजार उपलब्ध होंगे। आबकारी नीति-2025 में जनसाधारण को मदिरा के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक बनाने के विशेष अभियान चलाने का प्राविधान किया गया है। नई आबकारी नीति प्रदेश में आर्थिक सुदृढ़ीकरण, पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।
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स्थानीय लोगों के रोजगार पर फोकस
उत्तराखंड की नई आबकारी नीति के तहत स्थानीय लोगों को प्राथमिकता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल उत्तराखंड निवासियों को जारी किए जाएंगे, जिससे राज्य में आर्थिक अवसर बढ़ेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी। इससे कृषकों और बागवानी क्षेत्र में कार्य करने वालों को आर्थिक लाभ मिलेगा। मदिरा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्यात शुल्क में कटौती की गई है। माल्ट और स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
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621 करोड़ का राजस्व बढ़ेगा
कैबिनेट में आज आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी दी गई। पिछले दो वर्षों में अबकारी राजस्व में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इसी को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने आबकारी से 5060 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार ने 2024-25 में 4439 करोड़ का लक्ष्य रखा था, जो अब लगभग पूरा होने वाला है। उससे पहले सरकार ने 2023-24 में 4000 करोड़ का लक्ष्य रखा था।