उत्तराखंड में कुट्टू का आटा बेचने के लिए लाइसेंस अनिवार्य
Latest News:उत्तराखंड में कुट्टू का आटा बेचने के लिए व्यापारियों को अब लाइसेंस बनवाना पड़ेगा। लाइसेंस बगैर कुट्टू का आटा बेचने पर संबंधित व्यापारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान तक कर दिया गया है। साथ ही कुट्टू के आटे की खुली बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।

Latest News:उत्तराखंड में कुट्टू का आटा बेचने के लिए अब लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है। खाद्य संरक्षा आयुक्त व स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि बीते दिनों देहरादून और हरिद्वार में कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से 350 से अधिक लोग बीमार हो गए थे। इसके बाद से खाद्य संरक्षा विभाग लगातार कुट्टू के आटा विक्रेताओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसके बाद अब सरकार ने कुट्टू के आटे की खुली बिक्री पर ही रोक लगा दी है। दरअसल, कुट्टू का आटा ज्यादा समय तक रखने से खराब हो जाता है और कई बार व्यापारी लंबे समय तक इसे दुकान पर रखते हैं। व्रत व त्योहारों के अवसर पर ही कुट्टू के आटे की अधिक डिमांड रहती है। ऐसे में बार- बार कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से लोगों के बीमार होने के मामले सामने आते हैं। राज्य में ही पिछले पांच सालों के दौरान सात सौ से अधिक लोग इस वजह से बीमार हो चुके हैं। ऐसे में सरकार ने इस पर अब कड़ा रुख अपनाते हुए कुट्टू का आटा और बीज खुले तौर पर बेचने पर रोक लगा दी है। सचिव आर राजेश कुमार के मुताबिक कुट्टू के आटे से बार-बार लोगों के बीमार होने के मामले आ रहे हैं। ऐसे में इसकी खुली बिक्री पर रोक लगाई गई है। पैकेट बंद आटा बेचने वालों के लिए लाइसेंस अनिवार्य किया गया है। हमारा प्रयास है कि इससे किसी की जान खतरे में न पड़ जाए।
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सीलबंद पैकेट में ही होगी बिक्री
उत्तराखंड खाद्य संरक्षा आयुक्त की ओर से जारी आदेश के अनुसार कुट्टू के आटे के पैकेट पर भी पिसाई की तिथि लिखना अनिवार्य किया गया है। जबकि पैकेट भी सील बंद होना अनिवार्य कर दिया गया है। आयुक्त की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रत्येक पैकेज पर विक्रेता का लाइसेंस नंबर भी दर्ज किया जाना जरूरी है। इसके साथ ही खाद्य संरक्षा आयुक्त की ओर से कुट्टू के आटे की बिक्री का स्टॉक रखना भी अनिवार्य किया गया है।
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कुट्टू के छह सैंपल फेल
उत्तराखंड में कुट्टू के आटे की जांच में छह सैंपल फेल हो गए। इनमें माईकोटोक्सिन नामक खतरनाक फंगस मिला। खाद्य सरंक्षा विभाग मामले में संबंधित कारोबारियों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में केस दर्ज कराने जा रहा है। नवरात्रि के पहले दिन देहरादून और हरिद्वार में साढ़े तीन सौ से अधिक लोग कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से बीमार हो गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ.आर राजेश कुमार ने कुट्टू के आटे की सैंपलिंग को छापेमार कार्रवाई शुरू कराई थी। पूरे प्रदेश में 100 से अधिक सैंपल लिए गए जिनमें से प्रारंभिक तौर पर छह फेल पाए गए।
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