महकमा मेहरबान:पिथौरागढ़ में घूसखोर दारोगा को बना दिया चौकी प्रभारी

Uttarakhand Police
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Reward to bribed officer: पिथौरागढ़ जिले के कनालीछीना थाने में तैनात एक दारोगा पर 2023 में एक मामले को रफा दफा करने के एवज में घूस लेने का आरोप लगा था। साल 2023 में एसआई जावेद हसन कनालीछीना थाने के थानाध्यक्ष जबकि एसआई मीनाक्षी बलुवाकोट थाने की प्रभारी थीं। एक जुलाई 2023 को कनालीछीना थाने में ग्राम सुरुण निवासी उमेश कुमार ने ग्रीफ में तैनात हरियाणा निवासी अनिल सिंह और ममता देवी के खिलाफ तहरीर दी। उनका आरोप था कि दोनों उसकी बेटियों की आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया में डालने की धमकी दे रहे हैं। पुलिस ने अनिल सिंह और ममता देवी के खिलाफ 328, 498, 506, 504 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया। बाद में ममता देवी के साथ ही मामले से 328 और 498 की धाराएं हटा दी गईं थी। पीड़ित पक्ष का आरोप था कि एसआई जावेद हसन ने 70 हजार रुपये घूस लिए हैं। वह धनराशि जावेद हसन ने किसी अन्य दरोगा के खाते में डलवाए थे। एसपी रेखा यादव के मुताबिक मामला एक साल पूर्व का है। दोनों दरोगाओं पर विभागीय कार्यवाही पूर्व में ही हो चुकी है।

पीड़ित ने कमिश्नर से लगाई गुहार

पीड़ित की उच्चाधिकारियों से धन लेकर मुकदमे को रफा-दफा करने की शिकायत पर हुई जांच में दारोगा जावेद के घूसलेने की पुष्टि हुई। तब तत्कालीन एसपी लोकेश्वर सिंह ने रिश्वत लेने और इसमें साथ देने पर दोनों दरोगाओं को परिनिंदा प्रवृष्टि से दंडित किया था। दोनों दारोगाओं पर अन्य कार्रवाई न होने से नाराज पीड़ित ने कुछ समय पहले कुमाऊं आयुक्त और डीआईजी को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई थी।

घूसखोरी की पुष्टि के बाद भी कार्रवाई नहीं

विभाग जांच में एक नहीं दो बार एसआई जावेद और एसआई मीनाक्षी को मामला रफा-दफा करने में रिश्वत लेने की पुष्टि कर चुका है। दोनों को ही चौकी प्रभारी पर तैनाती मिली है। लोगों का कहना है कि जब मात्र 700 रुपये रिश्वत लेने वाले अधिकारी और कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई होती है तो दोनों दारागाओं पर विभाग ने मेहरबानी क्यों दिखाई। यह कारनामा मित्र और न्याय दिलाने वाली पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान भी खड़ा कर रहा है।


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