यहां अचानक जमीन से निकले नाग और फिर प्रकट हुआ शिव मंदिर

Shiva temple revealed by digging the ground in Koteshwar of Jageshwar Dham
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Miraculous Event: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर धाम के निकट कोटेश्वर गांव में एक चमत्कारिक घटना सामने आई है। ग्रामीणों के मुताबिक कोटेश्वर गांव में हरुजाग के पास शनिवार को एक खेत की दीवार निर्माण का काम चल रहा था। दीवार निर्माण के लिए खुदाई शुरू होते ही जमीन से एक काला नाग बाहर निकल आया। भय के मारे काम कर रहे श्रमिक मौके भाग गए। उसके बाद दीवार निर्माण का काम रोक दिया गया था। रविवार सुबह स्थानीय जागरुक युवा शेखर भट्ट के नेतृत्व में गिरीश भट्ट, अशोक भट्ट, नाथू भट्ट, किरन भट्ट आदि ने श्रमदान करते हुए मौके पर मिट्टी का टीला हटाने का काम शुरू किया। खुदाई होते ही भीतर से पहले एक बड़ा शिवलिंग उभरकर सामने आ गया। खुदाई आगे बढ़ी तो भीतर एक शिवलिंग और एक अन्य  मंदिर देख युवा चौंक पड़े। सूचना मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने मंदिर में पूजा-अर्चना  शुरू कर दी थी। साथ ही भगवान के जयकारे लगाने लगे। पुरात्वविदों के मुताबिक शिवलिंग जागेश्वर के मंदिरों के समान ही प्राचीन है।

विशेषज्ञों की टीम करेगी मुआयना

कोटेश्वर में जमीन के भीतर से शिव मंदिर निकलने की सूचना क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान को फोन पर दी गई। डॉ. सीएस चौहान के मुताबिक कोटेश्वर बेहद प्राचीन स्थल हैं। कोटेश्वर का जागेश्वर के मंदिर निर्माण से संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि कोटेश्वर में जमीन के भीतर और भी कई पुरातात्विक धरोहरें दबी हो सकती हैं। बताया कि जल्द ही वह विभागीय टीम के साथ कोटेश्वर पहुंचकर जमीन के भीतर से निकले शिव मंदिर का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। उसके बाद मंदिर के संरक्षण को लेकर कार्य योजना तैयार की जाएगी।

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कई पुरातात्विक धरोहरें होने की संभावना

कोटेश्वर का जागेश्वर धाम के मंदिरों से संबंध बताया जाता है। कहा जाता है कि करीब डेढ़ हजार साल पहले जागेश्वर के मंदिरों के निर्माण के लिए कोटेश्वर से ही पत्थरों की आपूर्ति हुई थी। कोटेश्वर में नदी किनारे कोटलिंग नामक एक रहस्यमय स्थान आज भी मौजूद है। आज भी उस स्थान पर खुदाई करते ही जमीन से प्राचीन शिवलिंग निकलते हैं। कोटलिंग का रहस्य आज तक पुरातत्विद नहीं सुलझा पाए हैं। ऐसी संभावना जताई जाती है कि कोटलिंग के आसपास जमीन के नीचे जागेश्वर का प्राचीन इतिहास छिपा हुआ है। उत्खनन कार्य होने के बाद इस स्थान पर एक बड़े रहस्य का खुलासा हो सकता है।


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