उत्तराखंड के जंगलों में पांच लाख पेड़ कटेंगे, 28 साल बाद हो रही ये व्यवस्था
fire line trees: उत्तराखंड में एक साथ पांच लाख हरे-भरे पेड़ों को काट गिराया जाएगा। बाकायदा सर्वे के बाद पेड़ों का छपान भी शुरू कर दिया गया है। राज्य में करीब 28 साल बाद ये स्थिति बन रही है। आगे पढ़ें कि आखिर एक साथ पांच लाख पेड़ काटने की नौबत क्यों आन पड़ी है…

fire line trees:एक साथ ही उत्तराखंड में पांच लाख पेड़ों को काटने की तैयारी चल रही है। दरअसल, उत्तराखंड में वनाग्नि रोकने के लिए विभाग ये निर्णय लिया है। इस बार 1996 के बाद पहली बार जंगलों के बीच बनाई जाने वाली फायर लाइन में उग आए पांच लाख पेड़ों को एक साथ काटने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। राज्य में वन विभाग 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन मानता है। इस दौरान जंगल में आग की घटनाएं होती हैं। पिछले साल वनाग्नि में भीषण नुकसान हुआ था। कई लोगों की मौत भी वनाग्नि के कारण हुई थी। अरबों की वन संपदा वनाग्नि में खाक हो गई थी। लिहाजा फायर सीजन शुरू होने से पहले जंगल को आग से बचाने को जरूरी कदम उठाने होते हैं। जिसमें फायर लाइन की सफाई प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसी को देखते हुए अब वन विभाग राज्य की फायर लाइन में उगे हुए पांच लाख पेड़ों को काटने की तैयारी कर रहा है।कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में छपान का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
28 साल से साफ नही हुई फायर लाइन
सर्वोच्च न्यायालय में गोधा वर्मन केस मामले में एक आदेश के चलते जंगल में एक हजार मीटर से ऊंचाई पर पेड़ काटने पर रोक लगाई थी। इसके चलते उत्तराखंड में 1996 से फायर लाइन के बीच उगे पेड़ों को भी नहीं हटाया जा सका है। आज ये पेड़ विशालकाय हो गए हैं, फायर लाइन पूरी तरह से जंगल में बदल गई है। जिससे जंगल की आग को फैलने से रोकना मुश्किल हो रहा है। फायर लाइन को लेकर 18 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय को बदला है। प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) ने 18 अप्रैल 2023 के निर्णय का हवाला देते हुए 28 अक्तूबर को सभी डीएफओ को फायर लाइन को साफ करने के निर्देश दे दिए हैं।
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कुमाऊं मंडल में डेढ़ लाख पेड़ कटेंगे
उत्तराखंड के जंगलों की फायर लाइन में 1996 से उग चुके पांच लाख पेड़ों को काटने की तैयारी चल रही है। कुमाऊं मंडल में 1.50 लाख पेड़ काटे जाएंगे। वहीं दूसरी ओर गढ़वाल मंडल में 3.50 लाख पेड़ों पर आरी चलाई जाएगी। वन अधिकारियों ने फायर लाइन में उगे पेड़ों का छपान शुरू कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक प्रमुख वन संरक्षक कार्यालय से फायर लाइन को साफ करने के निर्देश मिले हैं।