ब्रिटिशकालीन सुरंगों का होगा कैमिकल ट्रीटमेंट:जानें वजह
उत्तराखंड में ब्रिटिशकाल में बनी सुरंगों का जल्द ही कैमिकल ट्रीटमेंट होने जा रहा है। बकायदा यूपी सिंचाई विभाग ने इसकी तैयारी भी कर ली है। जल्द ही काम शुरू होने वाला है।
ब्रिटिशकाल में अंग्रेजों ने चम्पावत जिले के बनबसा में तीन भूमिगत टनल बनाए थे। टलन वर्ष 1928 में देवीपुरा, मझगांव इलाके से सटे गांव में अंग्रेजों ने प्राकृतिक नाले को पार करने व लोगों के आने जाने के लिए बनाए थे । इसके बाद इस सुरंग के ऊपरी हिस्से में नहर छोड़ दी, जो कि उत्तर प्रदेश को जाती है। इन सुरंगों को सोनिया कलवर्ट, गोरखा कलवर्ट और जगबुड़ा साइफन नाम से जाना जाता है। अब यूपी सिंचाई विभाग इन सुरंगों की मरम्मत कैमिकल ट्रीटमेंट के रूप में करने की तैयारी में है।
ईंटों से बनाई गई हैं सुरंगें
ब्रिटिशराज में इन टनल के ऊपरी हिस्से से बहकर हजारों क्यूसेक पानी शारदा बैराज के जरिए पीलीभीत बाइफरकेसन से हरदोई, खीरी शाखा, शारदा सागर फीडर तक जाता है। जहां से यूपी के करीब 12 जिलों में सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई होती है। यह भूमिगत टनल ईटों से बनाई गई है।
एहतियातन हो रहा ट्रीटमेंट
अफसरों के मुताबिक पहले उन जगहों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर क्रैक हैं या फिर कोई हिस्सा क्षतिग्रस्त है। हालांकि अब तक कहीं पर दरार नहीं दिखाई दिए हैं। विभाग एहतियातन इन सुरंगों का कैमिकल ट्रीटमेंट करा रहा है। साथ ही सुरंगों को आकर्षक बनाने के लिए रंग-रोगन भी करेगा।