अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन, पीजीआई में चल रहा था उपचार
Acharya Satyendra Das passes away:अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का आज सुबह निधन हो गया है। बीते दिनों उन्हें ब्रेन हेमरेज का अटैक पड़ा था। उसके बाद से उनका लखनऊ एसजीपीजीआई में उपचार चल रहा था। आज उन्होंने उपचार के दौरान अंतिम सांस ली।
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Acharya Satyendra Das passes away:अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 85 साल की उम्र में आज निधन हो गया है। पीजीआई लखनऊ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत श्री सत्येंद्र दास जी ने आज अंतिम सांस ली है। बीते तीन फरवरी को महंत सत्येंद्र दास को ब्रेन हेमरेज (मस्तिष्काघात) का दौरा पड़ा था। आनन-फानन में उन्होंने पीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया गया था। न्यूरोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की टीम उनका उपचार कर रही थी। आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में ‘ब्रेन स्ट्रोक’ के कारण भर्ती श्रीराम जन्मभूमि मंदिर-अयोध्या के मुख्य पुजारी पीजीआई में आखिरी सांस ली। उन्होंने आज सुबह सात बजे अंतिम सांस ली।
34 साल से कर रहे थे रामलला की सेवा
दिवंगत सत्येंद्र दास राम मंदिर ट्रस्ट के भी प्रमुख सदस्य थे। सत्येंद्र दास बाबरी विध्वंस से लेकर रामलला के भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के साक्षी रहे हैं। सत्येंद्र दास पिछले 34 साल से राम जन्मभूमि परिसर में रामलला की सेवा कर रहे थे। उन्होंने टेंट में रहे रामलला की 28 साल तक पूजा-अर्चना की थी। उसके बाद करीब चार साल तक अस्थायी मंदिर में रामलला की सेवा मुख्य पुजारी के तौर पर की थे। इसके बाद जब राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई तब भी वो रामलला की सेवा मुख्य पुजारी के तौर पर कर रहे थे।
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1992 में नियुक्त हुए थे पुजारी
आचार्य सत्येंद्र दास ने साल 1975 में संस्कृत विद्यालय से डिग्री हासिल की थी। इसके बाद अगले साल 1976 में उन्हें अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में सहायक शिक्षक की नौकरी मिल गई। मार्च 1992 में उनको तत्कालीन रिसीवर ने पुजारी के तौर पर नियुक्त किया था। तब उनको मात्र सौ रुपये वेतन मिलता था, लेकिन बाद में इसमें बढ़ोतरी की गई थी।