Uttarakhand News:विवादों से घिरे मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दिया पद से इस्तीफा
Uttarakhand News:उत्तराखंड में पर्वतीय समाज के लिए अपशब्द बोल विवादों में घिरे मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आज अचानक पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर सभी को चौंका दिया है। इस संबंध में उन्होंने आज प्रेसवार्ता बुलाई थी। कहा जा रहा है कि आला कमान से दबाव पड़ने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दिया है।

Uttarakhand News:वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे से आज उत्तराखंड की सियासत गर्म है। बता दें कि वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बीते दिनों विधान सभा सत्र के दौरान सदन में पहाड़ी समाज के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया था। उसके बाद पूरे राज्य में उनके पुतले दहन होने लगे थे। उन्हें पद से हटाने की मांग पर राज्य में आंदोलन चल रहे हैं। उनके खिलाफ जनता में गुस्से से पार्टी भी असहज की स्थिति में आ गई थी। हालांकि उनके इस्तीफे की पटकथा कई दिन पूर्व में ही लिखी जा चुकी थी। उन्हें मंत्री पद से हटाने की चर्चाएं पिछले सप्ताह से चल रही थी। आज उन्होंने अचानक प्रेसवार्ता बुलाकर ऐसा ऐलान किया कि सियासत तेज हो गई। उन्होंने प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी और कहा कि वह सीएम पुष्कर सिंह धामी को इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। प्रेसवार्ता कर वह भावुक हो गए। इससे पूर्व उन्होंने अपने राज्य आंदोलन में संघर्ष और योगदान को बताया। उन्होंने कहा कि जो विस सत्र में दिए बयान पर भी स्पष्टीकरण दे दिया था। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल इस्तीफे का एलान करने से पहले अपनी धर्मपत्नी के साथ मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में बने उत्तराखंड शहीद स्मारक पहुंचे थे। उन्होंने अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश विकास की तरफ बढ़े और प्रदेश में सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे, इसका संकल्प लिया।
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खुद को बताया राज्य आंदोलनकारी
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आज प्रेसवार्ता कर मंत्री पद से इस्तीफ देने का ऐलान किया। कहा कि मैं भी आंदोलनकारी रहा हूं, लेकिन आज ये साबित करना पड़ रहा है कि हमने भी प्रदेश के लिए योगदान दिया है। आज जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है उससे बहुत आहत हूं। इसी को देखते हुए मुझे इस्तीफा देना पड़ रहा है। बीते दिनों बजट सत्र के दौरान सदन में पहाड़ी लोगों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी देने के बाद से लगातार उनका विरोध हो रहा था। तमाम संगठन और विपक्षी दल उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
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