Uttarakhand News:वन पंचायतों को ग्राम प्रधानों के अधीन लाने का विरोध ,विस अध्यक्ष से मिले सरपंच
Uttarakhand News:उत्तराखंड की वन पंचायतों को ग्राम प्रधानों के अधीन लाने की तैयारियों की सुगबुगहाट से सरपंचों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने इस संबंध में छह सूत्रीय मांगों को लेकर देहरादून में विधान सभा स्पीकर ऋतु खंडूडी और प्रमुख वन संरक्षक से मुलाकात की। उन्होंने वन पंचायतों में ग्रामीणों के हक-हकूकों में हो रही कटौती बंद करने की मांग भी उठाई।

Uttarakhand News:छह सूत्रीय मांगों को लेकर बीते सोमवार को कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के वन पंचायत सरपंचों के प्रतिनिधि मंडल ने देहरादून में विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी से मुलाकात की। सरपंचों के प्रतिनिधि मंडल ने विस अध्यक्ष से कहा कि सरकार वन पंचायतों को ग्राम प्रधानों के अधीन लाने का प्रस्ताव तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि समस्त सरपंच सरकार के इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध करेंगे। उन्होंने इस प्रस्ताव को तत्काल निरस्त करने की मांग उठाई। उन्होंने वन पंचायतों को वित्तीय और कानूनी अधिकारी देने के लिए मौजूदा नियमावली में संशोधन करने, सलाहाकार परिषद के गठन में सरपंचों को रखने, प्रदेश परामर्शदात्री समिति में भी सरपंचों को शामिल करने की मांग उठाई। साथ ही उन्होंने वन पंचायत प्रतिनिधियों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन, तकनीकि प्रशिक्षण और सम्मानजनक मानदेय देने की मांग भी उठाई। कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में निशा जोशी, बीना बिष्ट, कमलेश जीना, वन पंचायत सरपंच संगठन के संरक्षक गणेश चन्द्र जोशी, प्रयाग सिंह जीना, नन्द किशोर, कुतुबद्दीन अमोली, भीम सिंह नेगी, हेम चन्द्र कपिल,दान सिंह कठायत, सुरेन्द्र सिंह,हिम्मत सिंह, त्रिभुवन सिंह,प्रेम कुमार, नयन सिंह मेहरा,प्रकाश भट्ट, कुन्दन सिंह, नरेश सिंह, जगदीश सिंह महर, विनोद सिंह आदि शामिल रहे।
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अधिकारों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे बर्दाश्त
कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के वन पंचायत प्रतिनिधि मंडल ने विधान सभा अध्यक्ष को सौंपे पत्र वन पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में ठेकेदारी और एनजीओ के दखल को खत्म करने, वन पंचायत की एनओसी बगैर कोइ कार्य नहीं करने, ग्रामीणों के हक-हकूकों में की गई कटौती खत्म करने की मांग भी उठाई। प्रतिनिधि मंडल के मुताबिक विधान सभा अध्यक्ष ने उनके मांग पत्र पर सकारात्मक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा उन्होंने प्रमुख वन संरक्षक को भी इस संबंध में ज्ञापन सौंपा।
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