अल्मोड़ा में जंगलों की आग बुझाने को तैनात होगी पैरामिलिट्री और एनडीआरएफ, जानें क्यों लिया निर्णय
forest fire:वनाग्नि की रोकथाम के लिए इस फॉरेस्ट फायर सीजन में पैरामिलिट्री फोर्स और एनडीआरएफ तैनात की जाएगी। साथ ही रेखीय विभागों को भी इसके लिए तैनात किया जाएगा। आगे पढ़ें कि आखिर इस बार फायर सीजन शुरू होते ही जिले के जंगलों में पैरामिलिट्री और एनडीआरएफ को तैनात करने का निर्णय क्यों लिया गया है…

forest fire:फायर सीजन को देखते हुए अल्मोड़ा जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। डीएम आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि उत्तराखंड शासन वन अनुभाग की ओर से वनाग्नि रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण करने के लिए विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। डीएम के मुताबिक वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए इस फायर सीजन में यहां एनडीआरएफ, पैरामिलिट्री फोर्स, क्यूआरीटी सहित अन्य रेखीय विभागों का सहयोग लिया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग ने वनाग्नि को आपदा घोषित किया है। उन्होंने ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि वनाग्नि रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। बताया कि इस बार जंगलों की आग को रोकने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पैरामिलिट्री फोर्स को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। इस संबंध में उन्होंने डीएफओ और सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रीष्मकाल में जनपद अन्तर्गत किसी भी स्थान और वनाग्नि की घटना संज्ञान में आने पर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी कार्यवाही अमल में लाएं। जिलाधिकारी ने आम जनमानस से अपील की है कि वह एक मार्च से ग्रीष्मकाल समाप्त होने तक किसी भी स्थिति में अपनी नाप या बेनाप भूमि पर आग ना लगाएं। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों से प्रायः देखा गया है कि कुछ शरारती तत्व जान बूझकर या रंजिशन वनों में आग लगाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति वनों में आग लगाते हुए पकड़ में आ जाता है तो उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने वनाग्नि की सूचना जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र 05962-237874/237875 मो० 7900433294 और वनाग्नि नियंत्रण कक्ष अल्मोडा के मोबाइल नंबर 9456596650, 9456596651 में देने की अपील भी की है। साथ ही टॉल फ्री नंबर 18001804141 पर भी वनाग्नि की सूचना दी जा सकती है।
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पिछले साल जिले में 11 लोगों की गई थी जान
अल्मोड़ा जिले में पिछले साल वनाग्नि ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। जिले में वनाग्नि की तीन घटनाओं में पिछले साल 11 लोग जिंदा जल गए थे। इनमें एक घटना में एक व्यक्ति जबकि दूसरी घटना में तीन नेपाल नागरिक जिंदा जल गए थे। तीसरी और सबसे बड़ी घटना बिनसर में घटी थी, जहां जंगल की आग बुझाते हुए सात वन कर्मी जिंदा जल गए थे। ये मामला काफी चर्चाओं में रहा था। इसी को देखते हुए इस बार अल्मोड़ा प्रशासन वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी योजना बना रहा है।
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