पटाखों के शोर से डॉगी के छह बच्चों की मौत, पत्रकारों सहित आठ लोगों पर मुकदमा
Lawsuit over puppies death:देहरादून में पटाखों के शोर से एक मादा डॉगी के छह बच्चों (puppies) की मौत का मामला सामने आया है। इस मामले में प्रेस क्लब पदाधिकारियों (पत्रकारों) सहित आठ लोगों के खिलाफ एक पशु प्रेमी महिला ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।

Lawsuit over puppies death: देहरादून में पटाखों के शोर से एक डॉगी के छह बच्चों की मौत हो गई। ये घटना देहरादून स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब परिसर में घटी थी। बताया जा रहा है कि उत्तरांचल प्रेस क्लब के पास ही एक डॉगी ने छह बच्चों को जन्म दिया था। रेसकोर्स सारथी विहार निवासी महिला माला मल्होत्रा मैठाणी ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि वह पशु प्रेमी है। उन्होंने कहा कि कुछ समय से प्रेस क्लब में कुछ कुत्ते बीमार थे। उन कुत्तों का उपचार और देखभाल वह स्वयं करती थीं। माला डॉगी को भोजन भी कराती थीं। उनमें मादा डॉगी को छह पिल्ले भी शामिल थे। माला ने उसको खाना देने और देखभाल करने के लिए प्रेस क्लब की लगती दीवार के बगल में रहने का इंतजाम किया। माला का आरोप है कि प्रेस क्लब के पास हुई आतिशबाजी के शोर से घबराकर मादा डॉगी के छह बच्चों की मौत हो गई थी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर प्रेस क्लब के पदाधिकारियों सहित आठ लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है।
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मुकदमा दर्ज करने में लगा एक साल
देहरादून में डॉगी के छह बच्चों की मौत के मामले में पशु प्रेमी माला ने एक साल पहले पुलिस को तहरीर सौंपी थी। लंबी जांच के बाद दो दिन पूर्व ही पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि पटाखों के शोर से घबराकर डॉगी के छह बच्चों की मौत हुई। इंसपेक्टर मनोज कुमार मैनवाल के मुताबिक तहरीर के आधार पर कुछ प्रेस क्लब पदाधिकारियों सहित आठ लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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इस प्रकार का पहला मुकदमा
देहरादून के शोर से पटाखों से कुत्तों की मौत पर मुकदमे का संभवत: ये पहला मामला माना जा रहा है। पटाखों का शोर न केवल मवेशियों बल्कि इंसानों के लिए भी घातक माना जाता है। पटाखों का शोर बच्चों के मस्तिष्क पर भी असर डालता है। पटाखों के शोर से उत्पन्न होने वाला ध्वनि प्रदूषण इंसानों की श्रवण शक्ति कम कर सकता है। साथ ही इससे वातावरण भी प्रदूषित होता है। दीवाली के समय देहरादून में प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। इधर, दून में पटाखों के शोर से कुत्तों की मौत का मामला दर्ज होने से हड़कंप मचा हुआ है।
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