आरतोला में मृत आवारा बैल के मुआवजे को लेकर तकरार, ग्रामीणों में आक्रोश
जागेश्वर धाम के निकट आरतोला में इन दिनों मृत आवारा बैल के मुआवजे का मामला काफी चर्चाओं में है। ग्रामीणों ने वन विभाग को बताया कि कुछ लोग मृत आवारा गौवंश का फर्जी तरीके से मुआवजा पाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। चेतावनी दी कि यदि मृत आवारा बैल का मुआवजा दिया गया तो वह आंदोलन शुरू कर देंगे।

आरतोला में इन दिनों मृत बैल के मुआवजे का मुद्दा जोरशोर से छाया हुआ है। उप प्रधान महेंद्र लाल ने बताया कि करीब चार साल से एक आवारा बैल पूरे इलाके में घूमकर लोगों के खेतों का चरता था। महेंद्र लाल के मुताबिक चार साल पहले उस बैल ने अपने स्वामी पर हमला कर दिया था। तभी से स्वामी ने बैल को आवारा छोड़ दिया था। उसके बाद से वह बैल दिन भर सड़क और बाजार में विचरण करता था। ग्रामीणों के मुताबिक आवारा बैल की जानकारी वह कई बार पुलिस को भी दे चुके थे। रात के समय वह बैल सड़क किनारे सोया रहता था। महेंद्र लाल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व उस आवारा बैल को तेंदुए ने मार दिया था। महेंद्र लाल के मुताबिक बैल मरने की सूचना मिलते ही कुछ लोग मुआवजे की फाइल लेकर वन विभाग के पनुवानौला दफ्तर में पहुंच गए थे।
वन विभाग ने शुरू की जांच
महेंद्र लाल सहित अन्य ग्रामीणों को इसकी भनक लगी तो वह मुआवजे का विरोध करने के लिए वन विभाग दफ्तर पहुंच गए थे। महेंद्र लाल के मुताबिक अब भी कुछ लोग उस मृत आवारा बैल का मुआवजा पाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि आवारा मृत बैल का मुआवजा दिया गया तो वह वन विभाग दफ्तर में धरना-प्रदर्शन शुरू कर देंगे। इधर, फॉरेस्टर लक्ष्मण बिष्ट के मुताबिक अभी मुआवजा नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि बैल आवारा होने या पालतू होने की गहनता से जांच की जा रही है। बताया कि यदि बैल आवारा पाया जाता है तो मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
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