नए साल से नेट क्वालीफाई बगैर पीएचडी में नहीं मिलेगा प्रवेश
नए शिक्षा सत्र से पीएचडी में दाखिले के लिए नेट क्वालीफाई अनिवार्य कर दिया गया है। नेट क्वालीफाई नहीं होने वाले अभ्यर्थियों को पीएचडी में प्रवेश नहीं मिलेगा। यूजीसी ने दाखिले के लिए नए मानक तय कर दिए हैं। हालांकि वर्तमान शिक्षा सत्र में पीएचडी करने वाले छात्रों नई नियमावली में छूट दी जाएगी।
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नए शिक्षा सत्र में पीएचडी प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा क्वालीफाई करना अनिवार्य हो गया है। श्रीदेव सुमन विवि में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से पीएचडी में दाखिले के लिए नई नियमावली तैयार कर ली है। यूजीसी ने पीएचडी दाखिले के लिए नए मानक तय किए हैं। यूजीसी की नई नियमावली के तहत पीएचडी में दाखिले के लिए नेट कवालीफाई करना अनिवार्य हो गया है। नेट क्वालीफाई बगैर पीएचडी में प्रवेश नहीं मिलेगा। नई शिक्षा नीति के अनुरूप यूजीसी उच्च शिक्षा में विशेष रूप से प्रवेश प्रक्रिया में नए बदलाव कर रहा है। इसी के तहत फैसला किया गया है कि सभी पीएचडी दाखिलों के लिए नेट उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। हालांकि उन छात्रों को जिन्होंने पीएचडी और एमफिल में पहले ही आवेदन कर दिया है या प्रवेश मिल गया है, उन्हें इस नियमावली से बाहर रखा जाएगा।
30 फीसदी वेटेज मिलेगा
नए नियमों के तहत पीएचडी दाखिले के लिए श्रेणी-2 व श्रेणी-3 के अभ्यर्थियों के नेट पर्सेंटाइल को 70 फीसदी वेटेज में बदला जाएगा। वहीं, इंटरव्यू का 30 फीसदी वेटेज होगा। इन दोनों श्रेणी में नेट स्कोर सिर्फ एक साल के लिए मान्य होगा। यदि इस अवधि में पीएचडी कार्यक्रम में दाखिला नहीं ले पाते, तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। अभ्यर्थी को फिर से नेट पास करना होगा। यह पूरी व्यवस्था नए शैक्षणिक सत्र से लागू होगी।
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