अस्पताल से शवों को निवास स्थान तक छोड़ेगी हेली एंबुलेंस, कमेटी गठित
अस्पतालों से मृतकों के शवों को उनके निवास स्थान तक छोड़ने के लिए जल्द ही उत्तराखंड में हेली एंबुलेंस सेवा शुरू होने जा रही है। एसओपी तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर लिया गया है। कमेटी अपनी रिपोर्ट शासन को देगी। उसके बाद हेली एंबुलेंस सेवा शुरू हो जाएगी।

उत्तराखंड के अस्पतालों से मृतकों के शवों को उनके निवास स्थान तक छोड़ने के लिए जल्द ही हेली एंबुलेंस सेवा शुरू होने वाली है। राज्य में सरकार हेली एंबुलेंस सेवा का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। वर्तमान में केवल दूरस्थ स्थानों के मरीजों को ही एम्स ऋषिकेश तक पहुंचाने के लिए हेली एंबुलेंस सेवा चल रही है। आने वाले दिनों में राज्य के अस्पतालों से शवों को निवास स्थान तक भेजने के लिए भी हेली एंबुलेंस सेवा शुरू हो जाएगी। शासन की ओर से इसकी एसओपी तैयार करने के लिए कमेटी का गठन कर लिया गया है। कमेटी जल्द ही ड्राफ्ट तैयार कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। उसके बाद हेली एंबुलेंस सेवा शुरू कर दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर राज्य और राज्य के बाहर भी हेली एंबुलेंस से शवों को निवास स्थान तक पहुंचाया जाएगा।
हल्द्वानी प्रकरण के बाद जागा शासन
हल्द्वानी में बीते दिनों एक युवती अपने भाई के शव को टैक्सी की छत में बांधकर गांव ले जा रही थी। लाचार बहन द्वारा अपने भाई के शव को टैक्सी की छत में बांधकर ले जाने का मामला पूरे राज्य में सुर्खियों पर रहा था। मामले को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लिया है। सीएम ने अधिकारियों को इस संबंध में ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे। सीएम के आदेश पर ही शासन ने शवों को निवास स्थान तक छोड़ने के लिए हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है।
ये भी पढ़ें-कुमाऊं में बंद होंगे 1453 सरकारी स्कूल, अल्मोड़ा-नैनीताल टॉप पर
कमेटी तैयार करेगी ड्राफ्ट
शासन ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की निदेशक डॉ. सुनीता टम्टा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। इसमें चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना और संयुक्त निदेशक डॉ. अजीत जौहरी को शामिल किया गया है। समिति सभी पहलुओं का आकलन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। नई व्यवस्था लागू होने के बाद उत्तराखंड के किसी भी अस्पताल से शवों को निवास स्थान तक पहुंचाने के लिए हेली सेवा दी जाएगी।