Master plan:जागेश्वर धाम में ब्रह्मकुंड तक बनेगा रिवर फ्रंट, योग मैदान से मंदिर में सीधी एंट्री
Master plan:विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान के कार्य तेज हो गए हैं। एक ओर जहां पहले चरण में मंदिर में लाइटिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, वहीं दूसरी ओर अब रिवर फ्रंट के कार्यों की डीपीआर भी तैयार कर ली गई है। यहां पर 23 करोड़ की लागत से रिवर फ्रंट तैयार किया जाएगा। उसके बाद जागेश्वर धाम और भी दिव्य और भव्य नजर आएगा।

Master plan:जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान के कार्य अब गति पकड़ेंगे। यहां का मास्टर प्लान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। पहले चरण में करीब दस करोड़ से इलुमिनेशन (लाइटिंग) का कार्य अब पूर्ण होने वाला है। इसके अलावा पहले चरण में ही यहां पर योग मैदान सौंदर्यीकरण, शवदाह स्थल निर्माण, रिवर फ्रंट, एरावल, म्यूजियम के नीचे दो पवेलियन भी बनाए जाने हैं। अब जागेश्वर में रिवर फ्रंट निर्माण की डीपीआर परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) ने तैयार कर ली है। इसी को लेकर शुक्रवार को पीआईयू के एई हेमंत पाठक और राजस्व विभाग की टीम ने रिवर फ्रंट के कार्यों के सर्वे के लिए स्थलीय निरीक्षण कर नाप, बेनाप भूमि और पेड़ों की स्थिति का पता लगाया। एई हेमंत पाठक के मुताबिक जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान के तहत रिवर फ्रंट निर्माण की डीपीआर तैयार हो चुकी है। करीब 23 करोड़ की लागत से रिवर फ्रंट तैयार किया जाएगा। बताया कि बजट स्वीकृत होते ही जागेश्वर में म्यूजियम से लेकर ब्रह्मकुंड तक रिवर फ्रंट का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जटागंगा में छोटे-छोटे डैम और घाटों का निर्माण भी रिवर फ्रंट के तहत किया जाएगा।
योग मैदान से भी मंदिर में एंट्री
जागेश्वर के मास्टर प्लान में म्यूजियम के नीचे पवेलियन का निर्माण होना है। म्यूजियम के पास से ही योग मैदान में पहुंचने के लिए धनुषनुमा पुल बनाया जाना है। पहला पुल मौजूदा पुल के स्थान पर ही बनेगा। इसके अलावा योग मैदान के पूर्वी छोर के पास भी एक धनुषपुल बनाया जाएगा। ये पुल पुष्टि देवी मंदिर के पीछे बनने वाले एरावल प्लाज को कनेक्ट करेगा। श्रद्धालु मंदिर से सीधे योग मैदान और फिर सीधे म्यूजियम के पास पहुंच सकेंगे।
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मंदिर परिसर के बगल में परिक्रमा पथ
रिवर फ्रंट के तहत नदी के दोनों छोर पर दीवार का निर्माण किया जाएगा। इससे नदी की चौड़ाई कम कर दी जाएगी। मंदिर से लगे नदी के छोर पर म्यूजियम से लेकर ब्रह्मकुंड तक परिक्रमा पथ तैयार किया जाएगा। श्रद्धालु सड़क में पहुंचे बगैर ही पूरे मंदिर और ब्रह्मकुंड की पैदल परिक्रमा कर सकेंगे। इससे भीड़ के दौरान व्यवस्थाएं बनाने में बड़ी मदद मिलेगी।