Jobs:जागेश्वर मंदिर समिति में निकली प्रबंधक की पोस्ट, ऐसे करें आवेदन
Jobs:जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति में प्रबंधक (वैतनिक) की पोस्ट निकली है। इच्छुक अभ्यर्थी आज से ही फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। प्रबंधक का कार्यकाल तीन साल रहेगा। आगे पढ़ें कि इस पोस्ट के लिए आवेदन कैसे करें और फार्म जमा करने की अंतिम तिथि क्या है…

Jobs:हाईकोर्ट के आदेश पर गठित जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति में प्रबंधक का कार्यकाल अक्तूबर में पूरा हो गया था। जुलाई में ही प्रशासन ने नए प्रबंधक की नियुक्ति की विज्ञप्ति जारी कर दी थी। 22 जुलाई को प्रबंधक पद पर आवेदन की अंतिम तिथि रखी थी। करीब 14 लोगों ने इस पद के लिए आवेदन किया था। बताया जा रहा है कि एलआईयू जांच में दो आवेदक राजनैतिक दलों से जुड़े पाए गए थे, जिनका आवेदन तत्काल निरस्त कर दिया गया था। दरअसल, हाईकोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार इस पर पर आवेदन करने वाले लोग न तो किसी राजनैतिक दल के सदस्य होने चाहिए और न वह किसी राजनैतिक दल से संबद्ध होने चाहिए। इसी आधार पर प्रशासन ने दो आवेदकों फार्म निरस्त कर दिया था। इतना ही नहीं करीब नौ आवेदकों के आवेदन फार्म में कुछ त्रुटियां पाई गई थी। इसी के चलते आखिरी मौके पर प्रशासन ने पूरी प्रक्रिया ही निरस्त कर जागेश्वर मंदिर समिति में प्रशासक की नियुक्ति करा दी थी। इधर, आज प्रशासन ने प्रबंधक पद के लिए नई विज्ञप्ति जारी कर दी है। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर शाम पांच बजे तक रखी गई है। उसके बाद आवेदनों की जांच की जाएगी।
ये लोग ही कर सकते हैं आवेदन
प्रबंधक पद पर जागेश्वर मंदिर के नजदीकी कोटुली और भगरतोला पटवारी क्षेत्र के गांवों के मूल निवासी ही आवेदन कर सकते हैं। प्रबंधक की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं। जिला प्रशासन से राज्यपाल को 10 नामों की फाइल भेजी जाती है। 10 नाम नहीं होने पर प्रशासन को दोबारा विज्ञप्ति जारी करनी पड़ती है।प्रबंधक को मंदिर समिति 25 हजार रुपये मासिक वेतन देती है। इस संस्था के चेयरमैन जिलाधिकारी अल्मोड़ा होते हैं।
ये भी पढ़ें- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने खोया आपा, पत्रकारों को पीटने दौड़े
एलआईयू जांच का प्रावधान
हाईकोर्ट ने इस पद के लिए विशुद्ध गैर राजनैतिक लोगों की भर्ती का ही प्रावधान रखा है। बावजूद इसके हमेशा ही इस पद पर राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता आवेदन करते आए हैं। बताया जाता है कि उनके द्वारा प्रशासन पर तमाम दबाव भी लगातार डाले जाते रहे हैं। हालांकि एलआईयू जांच में राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता पकड़ में आ जाते हैं। जुलाई में हुई आवेदन प्रक्रिया में भी एक राजनैतिक दल के दो नेता एलआईयू जांच में पकड़ में आ गए थे।