कांग्रेस में घमासान:प्रत्याशियों के पैनल की प्रदेश कमेटी को नहीं लगी भनक, दिल्ली जाकर करेंगे शिकायत

There is a ruckus in Uttarakhand Congress regarding the panel of candidates in the by-elections
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by-election:केदारनाथ विस उप चुनाव को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान मच गया है। केदारनाथ विस सीट पर  उप चुनाव होना है। विधायक के निधन के कारण ये सीट खाली पड़ी हुई है। ये सीट भाजपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। दोनों की दलों ने इस सीट पर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। इसी बीच  सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशियों का पैनल भी तैयार कर सीधे प्रदेश प्रभारी शैलजा को भेजे जाने की सूचना मिलते ही कांग्रेसियों में रार पैदा हो गई।  वरिष्ठ पर्यवेक्षक गणेश गोदियाल ने सोमवार को प्रत्याशियों का पैनल सीधे प्रदेश प्रभारी शैलजा को भेज दिया था। इस पर मंगलवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित टिकट के दावेदारों ने कड़ी आपत्ति जताई है। इसके साथ ही टिकट के अन्य दावेदारों ने भी पर्यवेक्षकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इससे कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है।

पीसीसी चीफ भी हैरान

विधान सभा उप चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों ने 13 दावेदारों के नामों की सूची तैयार कर उसे प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को भेज दिया। यहां तक की इसकी भनक पीसीसी चीफ को भी नहीं लगने दी। बताया जा रहा है कि पैनल के नामों को लेकर पीसीसी चीफ से राय शुमारी तक भी नहीं की गई। दूसरी ओर वरिष्ठ पर्यवेक्षक गणेश गोदियाल ने कहा कि उन्हें पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी प्रदेश प्रभारी की ओर से दी गई, इसलिए उन्होंने रिपोर्ट भी उन्हीं को भेजी है।

पैनल में भेजे 13 नाम

पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट में 13 दावेदारों के नाम भेजे हैं। प्रभारी सैलजा को पैनल के संबंध में क्या रिपोर्ट भेजी गई है, प्रदेश कांग्रेस कमेटी को इसकी भनक तक नहीं है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के मुताबिक इस पूरे मामले को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी आपत्ति जता दी है। केदारनाथ तक यात्रा निकाल कर उन्होंने कांग्रेस के समर्थन में एक माहौल तैयार किया। उन्होंने कहा कि प्रत्याशियों के पैनल की रिपोर्ट पर्यवेक्षकों को प्रदेश कमेटी से साझा करनी चाहिए थे। लेकिन पर्यवेक्षकों ने प्रदेश कमेटी को ओवरटेक कर पैनल सीधे प्रदेश प्रभारी को भेज दिया है।

कई दावेदार खफा, पक्षपात का आरोप

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता व केदारनाथ से दावेदार शीशपाल बिष्ट ने पर्यवेक्षकों पर चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं अपनाने का आरोप लगाया है। कहा कि पार्टी की परंपरा रही है कि पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपते हैं। उसके बाद प्रदेश कमेटी से पैनल तय करके केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाता है।पीसीसी को विश्वास में लिए बिना, जिस मनमाने तरीके से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हुई, वह भी बड़ी खामी रही। वहीं से पक्षपात की आशंकाओं ने जन्म लिया। अब यही आशंकाएं सच साबित हो रही हैं। प्रत्याशी चयन में अगर पर्यवेक्षकों को अपनी ही मनमानी करनी है, तो अन्य लोगों से आवेदन क्यों लिए गए।


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