देवलगढ़ में मिलीं कत्यूरी शासनकाल की चार सुरंगें, नजारा देख लोग हैरान
Discovery of Ancient Tunnel:उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित देवलगढ़ में पुरातत्व विभाग ने कत्यूरकालीन चार प्राचीन सुरंगों को खोजने में सफलता पाई है। जानकारी से लोगों में कौतुहल छा गया। अब 75 मीटर से लेकर 150 मीटर लंबी इन सुरंगों के जीर्णोद्धार में पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग जुट गया है।

Discovery of Ancient Tunnel:उत्तराखंड में कत्यूरी शासनकाल की चार प्राचीन सुरंगे मिलने से कौतुहल का माहौल बना हुआ है। शुक्रवार को श्रीनगर के देवलगढ़ पहुंची संस्कृति विभाग देहरादून और पुरातत्व विभाग पौड़ी की टीम ने पौराणिक सुरंगों का निरीक्षण किया। यहां नौला गाड़ के पास पश्चिम दिशा की ओर चार अलग-अलग सुंरग मिली हैं। ये सभी सुरंग काफी पुरानी बताई जा रही हैं। लंबे समय से लोगों की नजरों से ओझल होने के कारण यहां मिट्टी का भराव हो गया था।इसी के चलते अब पुरातत्व विभाग इन सुरंगों के जीर्णोद्धार में जुट गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुरंगें राजा ने सुरक्षा के दृष्टि से बनाई होंगीं।
राजा अजयपाल के दौर की हैं सुरंगें
पुरातत्वविदों का मानना है कि इन सुरंगों को निर्माण राजा अजयपाल के दौर में हुआ होगा। इन सीढ़ीनुमा सुरंगों का प्रयोग सैनिक बैरक के रूप में किया जाता होगा। पौड़ी के क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान के मुताबिक अब इन सुरंगों का जीर्णोद्धार कर पर्यटन से जोड़ा जाएगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलने के साथ पर्यटकों को भी उत्तराखंड के पौराणिक इतिहास से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
52 गढ़ों में एक है देवलगढ़
देवलगढ़ 52 गढ़ों में से एक गढ़ है। यहां राजा अजयपाल ने 1512 में अपनी राजधानी बसाई थी और गढ़वाल क्षेत्र पर एकछत्र राज किया था। यहां गौरा देवी का मंदिर स्थित है जो वर्तमान में पुरातत्व विभाग के अधीन है।गढ़वाल राजवंश की कुलदेवी राज राजेश्वरी मंदिर, भैरव मंदिर, दक्षिण काली मंदिर के साथ अन्य छोटे बड़े मंदिर यहां मौजूद हैं। कत्यूरी शासन के कई साक्ष्य यहां आसानी से देखने को मिल जाते हैं। इसके अलावा देवलगढ़ में एक प्राचीन गुफा भी मौजूद है।