जागेश्वर में धूमधाम से मनाया म्यूजियम डे, एएसआई के डीजी ने कही ये बात
International Museum Day:जागेश्वर धाम में एएसआई ने अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम डे बड़ी धूमधाम के साथ मनाया। इस दौरान स्कूली बच्चों के बीच प्रतियोगिताएं भी कराई गईं। विशेषज्ञों ने संग्रहालयों और पुरातात्विक धरोहरों की तमाम जानकारियां दीं। इस दौरान हुई चित्रकला प्रतियोगिता में नेहा भट्ट ने प्रथम स्थान पाया।

International Museum Day:अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम डे पर जागेश्वर धाम योग मैदान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एसडीएम एनएस नगन्याल और विशिष्ट अतिथि एएसआई नॉर्थ जोन के डीजी अनिल कुमार तिवारी, अधीक्षण पुरातत्विद मनोज सक्सेना ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। एसडीएम ने म्यूजियम डे के महत्व पर प्रकाश डालते हुए लोगों से पुरातात्विक धरोहरों के बारे में जागरुक होने का आह्वान किया। नॉर्थ जोन के डीजी ने विश्व और भारत में म्यूजियम की संख्या, आईकॉम संस्था सहित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से संबंधित तमाम जानकारियां दीं। पुरातात्विक संग्रहालय प्रभारी केबी शर्मा ने भी कई रोचक जानकारियां सांझा कीं। अतिथियों ने चित्रकला प्रतियोगिता में अव्वल आए विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस मौके पर नीरज मैठानी, जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति उपाध्यक्ष नवीन भट्ट, शुभम कर्ण सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
प्राचीन लिपि का जल्द होगा पूर्ण अनुवाद
म्यूजियम डे पर पहुंचे नॉर्थ जोन के डीजी अनिल कुमार तिवारी को जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष नवीन भट्ट ने क्षेत्र से संबंधित तमाम जानकारियां दीं। उपाध्यक्ष ने डीजी को जागेश्वर मंदिर के प्राचीन शिलालेखों के ट्रांसलेशन और उसे सैलानियों के लिए प्रदर्शित करने की मांग उठाई। अधिकारियों ने बताया कि डॉ. डीसी सरकार पूर्व में ही शिलालेखों का ट्रांसलेशन कर चुके हैं। लेकिन उनकी किताब में केवल शिलालेखों का जीस्ट ही मिल पाया है। इस पर डीजी ने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही एपीग्राफी शाखा से संपर्क कर सभी शिलालेखों का विस्तारपूर्वक अनुवाद कराएंगे। उसके बाद अनुवाद को लोगों के लिए डिस्प्ले किया जाएगा।
एएसआई की स्मारकों की प्रदर्शनी
अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम डे पर जागेश्वर धाम में एएसआई ने राज्य भर की स्मारकों की प्रदर्शनी भी लगाई थी। अतिथियों और स्कूली बच्चों को प्रदर्शनी के माध्यम से प्राचीन धरोहरों और उसके संरक्षण के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही स्कूली बच्चों को जागेश्वर म्यूजियम भी दिखाया गया।