जागेश्वर धाम से शुरू हुई थी शिवलिंग पूजा

Mahamrityunjay Temple of Jageshwar Dham
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इस पृथ्वी पर भगवान शिव का लिंग रूप में पूजन जागेश्वर धाम से शुरू हुआ था। इसी स्थान पर सप्तऋषियों ने भगवान शिव को श्राप दिया था। महाशिवरात्रि पर इस धाम में महापूजा का विशेष महत्व है।

भगवान शिव की मूर्ति के अलावा शिवलिंग के रूप में पूजन की परंपरा है। बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि शिवजी की लिंग रूप में पूजा की शुरुआत उततराखंड के जागेश्वर धाम से हुई थी। कई पुराणों में भी जागेश्वर धाम की महिमा का गुणगान है। सप्तऋषियों के श्राप के कारण ही इसी स्थान से भगवान शिव की लिंग रूप में पूजा शुरू हुई थी।

मध्यरात्रि में खुलते हैं मंदिर के कपाट

जागेश्वर धाम में नित्य प्रात: पूजन, दिन में भोग पूजन और सायंकालीन आरती होती है। शाम आरती के बाद बंद हुए मंदिर के कपाट अगली सुबह ही खुलते हैं। लेकिन साल में महाशिवरात्रि पर इस धाम में महापूजा के लिए मंदिर के कपाट मध्यरात्रि में भी खुलते हैं।


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