उत्तराखंड में 97 और मदरसों को मिली मान्यता, 466 पहुंची संख्या

97 more madrasas have been recognized in Uttarakhand
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Recognition of Madrasas:उत्तराखंड में पिछले पांच साल से किसी भी नए मदरसे को मान्यता नहीं मिली थी। इससे मुस्लिम समुदाय को परेशानियां उठानी पड़ रही थी। इसी को देखते हुए इस बार सरकार ने एक साथ 97 मदरसों को मान्यता देते हुए नवीनीकरण कराया है। शनिवार को देहरादून में मदरसा बोर्ड की ओर से भगत सिंह कॉलोनी स्थित कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में कार्यक्रम आयोजित कर संचालकों को प्रमाण पत्र बांटे। इनमें देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, यूएसनगर के अधिकांश मदरसे शामिल हैं। इसी के साथ ही अब राज्य में मदरसों की संख्या 466 पहुंच गई है। उन्होंने इसके लिए मदरसा बोर्ड का आभार व्यक्त किया है। इधर, मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने के मुताबिक मदरसों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है। कहा कि डिग्रियों को समकक्षता का मामला जल्द हल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार मदरसा छात्रों को मुख्यधारा में लाना चाहती है। एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अलावा भी कार्यक्रम मदरसों में संचालित किए जाएंगे। मदरसों को मान्यता मिलने से मुस्लिम समाज में खुशी का माहौल है।

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सील मदरसों के खुलेंगे ताले!

उत्तराखंड के विभिन्न  जिलों में अवैध मदरसों के खिलाफ प्रशासन ने व्यापक अभियान चलाया था । उस दौरान कई अवैध मदरसे सील किए गए थे। इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश था। इसे लेकर देहरादून में खूब हंगामा हुआ था। कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया था। इधर, अब मान्यता मिलने से बीते दिनों सील किए गए कई मदरसों को भी राहत मिलेगी। बोर्ड अध्यक्ष और डिप्टी रजिस्ट्रार उबेदुल्लाह अंसारी ने प्रमाण पत्र बांटे। इस दौरान हारुन रसीद, फराह अजीम, खुर्शीद अहमद, विजय, रमीज समेत बड़ी संख्या में मदरसा संचालक आदि मौजूद रहे।

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