मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
Mahakumbh 2025:मौनी अमावस्या के मौके पर मची भगदड़ के बावजूद 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ क्षेत्र में तिल धरने की जगह भी नहीं थी। चारों ओर श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही थी।

Mahakumbh 2025:प्रयागराज में मौनी अमास्या के मौके पर कल तड़के भगदड़ गई थी। भगदड़ में करीब 30 लोगों की मौत और कई लोग घायल हो गए थे। हालांकि पुलिस प्रशासन ने हालात पर तत्काल काबू पा लिया था। भीषण भगदड़ के बावजूद मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। हर बाधा पार कर, कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद संगम क्षेत्र में श्रद्धालु सुबह से लेकर देर रात तक प्रवेश करते नजर आए। महाकुंभ में रात आठ बजे तक स्नान करने वालों की संख्या 7.64 करोड़ पहुंच गई थी। श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी था। महाकुंभ में एक दिन में सर्वाधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का ये नया रिकॉर्ड बना है। भारी भीड़ के कारण हर तरफ जाम ही जाम लगा हुआ था।
भगदड़ पर आस्था भारी
प्रयागराज महाकंभ में लोगों में पुण्य स्नान का जुनून ऐसा था कि संगम क्षेत्र में अस्पताल की ओर भाग रहीं एंबुलेंस के सायरन की तेज आवाज भी श्रद्धालुओं के उत्साह को कम नहीं कर सकीं। अफरातफरी के कारण बड़ी संख्या में लोगों को लौटकर दूसरे घाटों पर स्नान करना पड़ा। अखाड़ों ने सुबह पांच बजे के स्थान पर दोपहर बाद ढाई बजे से डुबकी लगानी शुरू की ताकि आम श्रद्धालु पहले स्नान कर लें। इस दौरान पहली बार तीन शंकराचार्यों विधु शेखर, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और सदानंद सरस्वती ने एकसाथ डुबकी लगाई।
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