500 अशासकीय स्कूल जल्द बनेंगे सरकारी,  आयोग से पद भरने की तैयारी

Preparations have started for the governmentization of non-government schools in Uttarakhand
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Big decision of government:अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली और अन्य प्रकार की तमाम शिकायतें सरकार को लंबे समय से मिल रही थीं। इसी को लेकर  उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य के अशासकीय स्कूलों को राजकीयकरण कराने का प्रस्ताव दिया है। जो भी स्कूल राजकीयकरण के लिए प्रस्ताव देंगे उन पर सरकार तत्काल कार्यवाही करेगी। राज्य में अशासकीय स्कूलों की संख्या 500 से ज्यादा है।देहरादून के यमुना कालोनी स्थित अपने कैंप कार्यालय में ऑनलाइन माध्यम से विभागीय समीक्षा के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार अशासकीय स्कूलों के राजकीयकरण के लिए पूरी तरह से तैयार है। इन स्कूलों में रिक्त शैक्षिक और शिक्षणेत्तर पदों को लोक सेवा आयोग अथवा अधीनस्थ सेवा चयन के माध्यम से भरा जाएगा।

लेनदेन कर धड़ल्ले से हो रही भर्तियां

अशासकीय स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारी भर्ती में भाई-भतीजावाद के अलावा सेंटिंग गेटिंग का जमकर खेल चल रहा है। बताया जा रहा है कि कई स्थानों पर लेनदेन कर धड़ल्ले से हो रही भर्तियों के बाद मैनेजमेंट अपने कार्मियों पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते इन स्कूलों में पठन-पाठन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। दिन पर दिन छात्रसंख्या में भी गिरावट देखने को मिल रही है। अव्यवस्थाओं के कारण लोग अपने बच्चों को यहां भेजने से कतरा रहे हैं।

सरकार को मिल रही तमाम शिकायतें

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक में अधिकारियों ने कहा कि अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कई वर्षों से अशासकीय विद्यालयों की भर्तियों में अनियमितता व भाई-भतीजावाद की शिकायतें मिलती रही हैं। इसलिए ही रिक्त पदों को भरने के लिए एक ठोस नीति बनाने के निर्देश पूर्व में ही विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। शिक्षा मंत्री ने बेसिक और जूनियर स्तर के मॉडल स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद प्राथमिकता से भरने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षकों की वर्तमान भर्ती में चयनित शिक्षकों को अस्थायी रूप से बेसिक मॉडल स्कूलों में नियुक्त किया जाए। जूनियर स्तर पर सरप्लस शिक्षकों के समायोजन से पद भरे जाएं।


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